(2022) हाथी पर निबंध – Essay About Elephant in Hindi

हाथी पृथ्वी पर मौजूद सबसे विशाल और ताकतवर जानवर है। इसके साथ-साथ यह पालतू और शाकाहारी प्राणी है। हाथी को बुद्धिमत्ता और आज्ञाकारी प्रवृति के लिए जाना जाता है। प्राचीनकाल से लेकर अब तक हाथी मनुष्यो के लिए काफी उपयोगी रहा है। जैसे प्राचीनकाल में राजा-महराजाओं की सवारी के लिए हाथी का उपयोग किया जाता था। भारी सामान को लाने-लेजाने और युद्ध करने के लिए भी हाथी का इस्तेमाल किया जाता था। इसलिए हाथी को उस समय शाही पशु कहा जाता था। हाथी के महत्व को देखते हुए 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है। भारत में हाथी मुख्य तौर पर मैसूर, असम और त्रिपुरा के जंगलों में पाए जाते है।

 

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हाथी की शारीरिक रचना 

हाथी एक चौपाया विशाल जानवर है, जो सिलेटी, काला और सफेद रंगो में पाया जाता है। उनके पैर एक स्तंभ की तरह समान होते है, जिससे वह बड़े लंबे समय तक खड़े रह सकते है। उनके आगे के पैरो में 4 और पीछे के पैरो में 3 नाखून होते है। हाथी के दो लटकते हुए कान होते है। हाथी की सुनने की क्षमता अच्छी होती है। वह अपने साथियों की आवाज 5 मील दूर से ही सुन लेते है। उनकी आंखे छोटी होती है, इसलिए हाथी को कम रोशनी में ज्यादा और ज्यादा रोशनी में कम दिखाई देता है।

उनके मुख में दो लम्बे सफेद दाँत और एक लंबी सूंड़ होती है। सूंड़ काफी मजबूत और लचकदार होती है। हाथी सूंड़ का उपयोग सांस लेने, खाना खाने और नहाने के लिए करता है। 14 लीटर पानी हाथी अपनी सूंड में एक बार में खींच सकता है। हाथी के दाँत उसके पूरे जीवनकाल में निरंतर बढ़ते ही रहते है। हाथी की त्वचा मोटी और संवेदनशील होती है। संवेदनशील होने की वजह से उनको हर दिन नहाना पड़ता है। उनके पास के एक छोटी पुंछ भी होती है। हाथी का वजन लगभग 5000 से 7000 किलोग्राम तक और ऊंचाई 11 फुट जितनी होती है।

 

हाथियों की प्रजातिया

पृथ्वी पर हाथी की मुख्य दो प्रकार की प्रजाति पाई जाती है। जिसमें पहली प्रजाति है अफ्रीकी, जिसका वैज्ञानिक नाम लोक्सोडान्टा अफ्रीकाना है। दूसरी प्रजाति है एशियन, जीसका वैज्ञानिक नाम एल्फास़ मैक्सिम्स है। विश्वभर में एशियाई हाथी को भारतीय हाथी भी कहा जाता है। अफ्रीकी हाथियों की तुलना में एशियाई हाथि थोड़े अलग होता है। जैसे अफ्रीकी हाथी एशियन हाथियों से थोड़े बड़े और गहरे धूसर यानि स्लेटी रंग के होते है। इसके अलावा वह एशियाई हाथी से अधिक वजनदार और बड़े भी होते है।

आफ्रीकी हाथि की सूंड थोड़ी लम्बी और दो छिद्रों वाली होती है। जबकि एशियाई हाथी की सूंड में केवल एक ही छिद्र होता है। एशियाई हाथी की तुलना में अफ्रीकी हाथी की त्वचा में बाल कम होते है। अफ्रीकी हाथी अफ्रीका के मुख्य 37 देशो में पाये जाते है। जबकि एशियाई हाथी भारत, श्रीलंका, थाइलैंड और बर्मा में पाए जाते है। श्रीलंका में हाथियों का अनाथाश्रम भी बनाया गया है।

 

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हाथियों की जीवन शैली

हाथी शांत और गुस्सेल दोनों स्वभाव का जानवर है।  जब तक कोई इसे परेशान ना करे तब तक हाथी शांत स्वभाव का जानवर है। लेकिन अगर किसी ने हाथी को परेशान कर दिया तो उसको काबू करना बहुत मुश्किल है। नर हाथी को अकेला और मादा हाथी को झुंड में रहना ज्यादा पसंद है। एक मादा हाथी इन्सानो की तरह बच्चे को जन्म देती है। इसके साथ-साथ वह बच्चे को अपना दूध भी पिलाती है। इसका गर्भकाल 22 महीने का होता है और 4 साल में एक बार ही मादा हाथी गर्भ धारण करती है।

हाथी एक शाकाहारी जानवर है, जो अपने भोजन में पेड़-पौधों की छोटी टहनिया, पत्तिया, गन्ने, धान, केले, रोटी और जंगली फल लेता है। उसकी आयु 70 से 80 साल है। हाथी को जंगलों में रहना ज्यादा पसंद है। लेकिन वर्तमान में वनो की कटाई बहुत ज्यादा हो रही है, जिसकी वजह से हाथी अपना भोजन खोजने के लिए आवासीय इलाकों में आना पड़ता है।

 

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हाथी के उपयोग

प्राचीन काल से ही भारत में हाथी को महत्व दिया जाता था। इसलिए भारत के कई धार्मिक ग्रंथों में हाथी से संबंधित चिजे लिखी गई है। ऐसा कहा जाता है कि जब पहले युद्ध होता था, तब हाथीयो की संख्या के आधार पर यह अनुमान लगाया जाता था कि कौन यह युद्ध जीतेगा या कोन हारेगा। इसके अलावा कई समाज में हाथी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता था। पहले धनी लोग अपने घर की शोभा बढ़ाने के लिए हाथी को दरवाजे पर रखते थे। कई शिकारी हाथी पर बैठकर शेर और बाघ जैसे खतरनाक जानवरो का शिकार करते है।

वर्तमान में हाथी को सर्कस में खेल दिखाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। हाथी की हड्डियों और दातों से कंघी, ब्रश, चाकू और हेंडल जैसी कई उपयोगी चिजे बनाई जाती है। लेकिन इन चीज़ों के लिए कई लोग आज हाथी को मार रहे है। इसलिए भारत सरकार को हाथी के संरक्षण के लिए कई कानून बनाने पड़ रहे है।

 

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हाथियो के संरक्षण के लिए बनाई गई योजनाए

भारत में हाथी को एक देवता की सवारी मानकर पूजा जाता है, लेकिन आज उनकी हालत दयनीय हो गई है। मनुष्य अपने फायदे के लिए हाथि को मारता ही जा रहा है। आज हमारे जंगलो को बेझिझक काटा जा रहा है, जिसकी वजह से कई जानवर भूख से मर रहे है। जबकि कई जानवर भोजन की खोज में इन्सानो की बस्ती में आ जाते है। जिससे लोगो के बीच भय का माहौल पैदा हो जाता है और अंत में इनको मार दिया जाता है।

कुछ समय पहले केरल में एक गर्भवती हथीनी को कुछ लोगो ने पटाखे खिलाकर उसकी हत्या कर दी। इस दर्दनाक घटना से सारी इंसानियत मर गई थी और ऐसे कई हाथियो को बिना वजह मार दिया जाता है। जिसके कारण आज उनकी आबादी कम होती जा रही है। हाथी की गणना से पता चला कि 2012 की तुलना में 2017 में 11 प्रतिशत हाथी की संख्या कम हुई है। इस तरह हाथी की घटती संख्या को देख भारत सरकार ने हाथी के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए है।

भारत सरकार ने फरवरी 1992 में हाथी परियोजना बनाई थी। इसका मुख्य उदेश्य हाथी का संरक्षण करना था। इसके लिए सरकार ने हरियाणा में एक हाथी पुनर्वास केंद्र स्थापित किया गया। यहा पर बूढ़े और बीमार हाथियों के रहने की व्यवस्था और उनका उपचार किया जाता था। इसे सफल होता देख सरकार ने देश के तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा और केरल राज्य में भी हाथी पुनर्वास केंद्र स्थापित किया है। इसके अलावा 12 अगस्त 2017 को गज यात्रा नामक एक राष्ट्रव्यापी अभियान भी चलाया गया था। इस अभियान का मुख्य उदेश्य हाथियो को संरक्षण करना था। 

लेकिन जब तक हम नागरिक सरकार का साथ नहीं देंगे, तब तक यह सभी योजनाए असफल है। हाथी को बचाने के लिए हम सभी भारतवासी को आगे आकर सरकार का साथ देना होगा। तभी हम सही अर्थ में हाथी का संरक्षण कर सकेंगे।

 

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हाथी के बारे हेरतंगेज़ तथ्य 

  • थाईलैंड देश को सफेद हाथियों का देश भी कहा जाता है, क्योकि थाईलैंड में सफेद रंग के हाथी पाए जाते है।
  • मादा हाथी अपने बच्चे को 1 दिन में 10 लीटर से भी ज्यादा दूध पीला सकती है।
  • हाथी एक ही दिन में 30 गैलन से ज्यादा जल और 400 पाउंड से अधिक खाना खा सकते है।
  • वह अपने भोजन को पचाने के लिए दौड़ते है और उस वक्त हाथी मीथेन गैस छोड़ते है।
  • हाथी 40 KM प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकते है।
  • उनकी यादाश्त क्षमता अच्छी होती है।
  • हाथी का बच्चा जन्म के समय 120 किलोग्राम का होता है।
  • दुनिया का सबसे छोटा हाथी यूनान के क्रिट द्वीप में है। वो एक मादा है।
  • हाथी सिर्फ 2 से 4 घंटे ही सोता है।
  • हाथी का ह्रदय 1 मिनट में 27 बार धड़कता है।
  • हाथी के बच्चे को कॉल्फ कहते है।
  • उनकी त्वचा बहोत संवेदनशील होती है।
  • विश्व का सबसे बूढ़ा हाथी का नाम लिन वांग है, जो 86 साल का था।
  • हाथी हररोज 16 घंटे सिर्फ भोजन करने में बिताते है।
  • जब हाथी का बच्चा जन्म लेता है, तब वो अंधा होता है।
  • हाथी को अपनी सूंड पर इतना नियंत्रण होता है कि वह कच्चे अंडे को बिना तोड़े सूंड से उठा सकते है।
  • हाथी कभी अपनी सूंड से पानी नहीं पीता, वह उसमें पानी भरकर मुँह में डालता है। 

 

निष्कर्ष 

वास्तव में हाथी हम मनुष्यो के लिए एक उपयोगी जानवर है। बल और बुद्धि का जोड़ हाथी के अलावा किसी और जानवर में होना काफी मुश्किल है। लेकिन फिर भी क्यो आज हम इन प्यारे हाथियो को मार रहे है,  आधुनिक बनने की लालच में आकर या हमारे स्वार्थ के लिए। इससे ना सिर्फ प्राणी बल्कि हमारा पर्यावरण भी विलुप्त होने के खतरे में है। इसलिए आज से ही अपने आप से यह वादा करे की हम ना किसी जानवर को मारेगे और ना ही पर्यावरण को नुकसान पहोचाएंगे। (About Elephant in Hindi)

 

FAQ

Q : एक हाथी का वजन कितना होता है ?

ANS : 5000 से 7000 किलोग्राम

Q : हाथी 1 दिन में कितना सोता है ?

ANS : 2 से 4 घंटे ही सोता है।

Q : हाथी के दांत महंगे क्यों होते है ?

ANS : हाथी के दातों से कंघी, ब्रश, चाकू जैसे कई साधन बनाए जाते है। इसलिए हाथी के दांत महंगे होते है।


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