(2022) अहिंसा और युवा पर निबंध- Ahinsa Aur Yuva Par Nibandh

(अहिंसा क्या है, क्या वास्तव में गांधीजी ने अहिंसा के बलबूते पर हमारे देश को आज़ाद करवाया था, क्यों आज हमें और हमारे देश के युवाओं को अहिंसा की आवश्यकता है)


दुनिया के किसी भी जीव को तन, मन, धन और वाणी से हानी न पहुँचाना, इसे अहिंसा कहते है। अहिंसा को सरल भाषा में समझे तो हिंसा न करना या किसी को नुकसान न पहुँचाना। अहिंसा को गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी जैसे इतिहास के सबसे सदाचारी और प्रसिद्ध लोगो ने अपनाया था। उन्होंने देश के लोगो को भी इसी मार्ग पर चलने का संदेशा दिया था। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद, राजाराम मोहन राय और ईश्वर चंद विद्यासागर जैसे कई विश्व प्रसिद्ध नामों ने अहिंसा को अपनाकर देश के प्राचीन रीति-रिवाजों को दूर करने का प्रयास किया था।

अहिंसा में इतनी शक्ति है कि एक अंगुलिमार जैसा खतरनाक डाकू भी जब अहिंसावादी गौतम बुद्ध के संपर्क में आया तो वह बौद्ध भिछु बन गया। बौद्ध भिछु बनने के बाद अंगुलिमार ने हिंसा को छोड़ दिया और अहिंसा का रास्ता अपना लिया। इसलिए गौतम बुद्ध को प्राचीन काल में अहिंसा का सबसे बड़ा प्रणेता माना जाता है।

कलिंग के युद्ध में मगध साम्राज्य के सबसे बड़ा सम्राट अशोक ने जब बड़े पैमाने हिंसा देखी तो उनका मन व्याकुल हो गया। इतनी बड़ी हिंसा का पश्चाताप करने के लिए अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाकर अहिंसा का मार्ग स्वीकार किया। उसके बाद अशोक ने कोई युद्ध नहीं किया था। यह अहिंसा की शक्ति है। 

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साल 1947 में हमारे देश की आज़ादी भी अहिंसावाद की ही देन है। देश के राष्ट्रपिता यानि महात्मा गांधी जी ने अहिंसा को अपनाकर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। इसी वजह से विश्व में गाँधी जी को अहिंसावादी विचारधारा का जनक कहा जाता है।

इसके अलावा जब दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के नाम पर अश्वेतो को मारा जाता था, तब भी नेलसन मंडेला ने उस अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए अहिंसा का मार्ग अपनाया था। इसके लिए उन्होंने 27 साल जेल की अंधेरी कोठरी में रहना पसंद किया, लेकिन हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया। और जब अश्वेतो को न्याय मिला तो नेलसन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनाए गए।

लेकिन वर्तमान समय में पूरी दुनिया हिंसा पर आ गई है। लोग छोटी-छोटी बातों पर एक-दूसरे का गला काट रहे है। कुछ देशो में आंदोलन के नाम पर दंगे हो रहे है, जिससे आज बड़े बड़े देश तबाह होने की कगार पर है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक बात यह है कि दंगे करने वाले लोगो में ज़्यादातर युवा है। क्योकि अगर किसी देश को तबाह करना है तो सबसे पहले उस देश के युवाओ को लक्ष्य बनाया जाता है। उस देश के युवाओं को व्यसनी बनाकर खराब आदतों में लगा दिया जाता है। 

और आज हमारे देश का हाल भी कुछ ऐसा ही है। आए दिन हम दैनिक समाचार में देखते है कि हमारे युवा कितनी खतरनाक और गंभीर चिज़े अपना रहे है। इसलिए आज हम सबको मिलकर अपने युवाओं को हिंसा के गलत रास्ते से अहिंसा के सही रास्ते पर लाना है। उन्हें अहिंसा की वास्तविक शक्ति का मूल्य समझना है। इसके लिए हमें गांधी जी के इस संदेश को देश के हर युवा तक ले जाना है कि अहिंसा ही मनुष्य का पहला धर्म है। हमें उनको समझाना होगा कि दुनिया के सभी प्रसिद्ध और सफल लोगों ने अहिंसा का मार्ग अपनाया था।

युवाओ के अंदर अहिंसा लाने के लिए हमें सबसे पहले उन्हें शिक्षित करना होगा। शिक्षा को देश के हर कोने-कोने तक पहुंचाना होगा। क्योकि पढ़े-लिखे युवा अहिंसा के मूल्य को जल्दी और आसानी से समझ पाएंगे। इसके अलावा हमें देश के युवाओं को अहिंसा के बारे जागरूक करना होगा। उन तक यह बात पहोंचानी होगी कि हिंसा आपको कभी न्याय नहीं दिलाएगी।

क्योकि इतिहास गवाह है कि जिन लोगों ने हिंसा अपनाई है उनके जीवन में बहुत कठिनाइयां आई है। लेकिन अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति ने हमेशा खुशिया पाई है। ऐसा व्यक्ति केवल अपने बारे में नहीं सोचता, बल्कि वह लोगों के कल्याण और देश के विकास के बारे में भी सोचता है। एक अहिंसावादी व्यक्ति समाज और परिवार में मान-सम्मान के साथ जीवन व्यतीत करता है। वह अपने हर सपने को साकार करने में सफल भी होता है।

लेकिन हम सभी भारतीयो को यह बात जरूर याद रखनी चाहिए कि अगर हमारे देश के भविष्य को उज्जवल और बेहतर बनाना है तो देश की युवा पीढ़ी को अहिंसा का रास्ता अपनाना ही होगा। क्योकि किसी भी देश की युवा पीढ़ी उस देश की रीड की हड्डी समान होती है। इसलिए अब हम सभी को अहिंसावादी बनकर देश के विकास में अहम योगदान देना है।

निष्कर्ष

शायद अब आप लोगों को पता चल गया होगा कि आज हमारे युवाओं का अहिंसक होना क्यों जरूरी है। इसके साथ-साथ आपको यह भी पता चल गया होगा कि हमारे महात्मा गांधी जी ने अहिंसा को अपनाकर अंग्रेज़ो को हमारे देश से भगाया था। लेकिन वर्तमान समय में हमारे ज़्यादातर युवा हिंसा को अपनाकर देश के विकास को रोक रहे है। किन्तु अब हम सभी लोगो को अहिंसा का रास्ता अपनाकर देश को विकसित राष्ट्रो में शामिल करना है।


अगर आपको इस निबंध से लाभ हुआ हो, तो इसे share जरूर करे। अहिंसा और युवा पर निबंध पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद। (Ahinsa Aur Yuva Par Nibandh)

Table of Contents


FAQ

Q : अहिंसा की परिभाषा क्या है ?

ANS : दुनिया के किसी भी जीव को तन, मन, धन और वाणी से हानी न पहुँचाना, इसे अहिंसा कहते है।

Q : हिंसा और अहिंसा में क्या अंतर है ?

ANS : अहिंसा सकारात्मकता और अच्छाई का प्रतीक है, जबकि हिंसा नकारात्मकता और बुराई का प्रतीक है।  

Q : अहिंसा का क्या महत्व है ?

ANS : अहिंसा अपनाने वाला व्यक्ति जीवन में कभी दुखी नहीं होता है, इसीलिए तो स्वामी विवेकानंद, राजाराम मोहन राय, गांधीजी और ईश्वर चंद विद्यासागर जैसे कई महान लोगों ने अहिंसा को अपनाया था।


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