(2022) बाल मजदूरी पर निबंध – Child Labour Essay in Hindi

दुनिया में बसे हर व्यक्ति का बचपन उसके जीवन का सबसे खुशनुमा पल होता है। लेकिन बाल मजदूरी एक ऐसी चीज़ है, जिसके कारण आज कई बच्चो का जीवन केवल मजदूरी करने में बीत जाता है। वर्तमान में की गए एक रिपोर्ट के मुताबिक कुल बाल मजदूरी के बच्चो में से 50 प्रतिशत ऐसे बच्चे है जो हफ्ते के सातों दिन काम करते है। जबकि 53 प्रतिशत बच्चे यौन उत्पीड़न के शिकार है। इसलिए आज हम सभी को इस विषय पर प्रकाश डालने की बहुत जरूरत है।

 

Table of Contents

बाल मजदूरी का अर्थ

साधारण भाषा में समझे तो किसी भी क्षेत्र में बच्चों से दबावपूर्णं काम करवाया जाए उसे बाल मजदूरी कहते है। जब बच्चे बाल मजदूरी की चपेट में आ जाए तब उनका शारीरिक और मानसिक विकास कम हो जाता है। कई देशो की रिपोर्ट के अनुसार बाल मजदूरी का दर विकासशील देशों में बहुत ज्यादा है। ऐसे देशो में बच्चे कम पैसो में भी पूरे दिन कड़ी मेहनत करते है।

किसी भी बच्चे का यह पूरा अधिकार है कि उसके माता-पिता बच्चे की सही परवरिश करे, उसे अच्छी शिक्षा दिलाये और दोस्तों के साथ खेलने का पूरा समय दे। लेकिन माता-पिता की पीड़ा, गरीबी, भुखमरी और लाचारी के कारण कई बच्चो को मजदूरी करनी पड़ती है। हमारे देश में 14 साल से कम उम्र के बच्चो को काम करवाना गेरकानूनी अपराध है। अगर कोई उनसे काम करवाता है तो उसके खिलाफ बाल श्रम अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

 

बाल मजदूरी के कारण

  1. बाल मज़दूरी का सबसे पहला कारण गरीबी है। क्योकि गरीब लोग बहुत कम कमाते है, जिसके कारण आज के इस महंगाई के दौर में उनको अपनी रोज़ी-रोटी चलाना काफी मुश्किल होता है। इसलिए वे अपने बच्चों को बाल मज़दूरी के लिए भेजते है।
  2. अनुचित शिक्षा भी बाल मजदूरी को बढ़ावा देता है। शिक्षा इसलिए क्योकि अशिक्षित लोग समझते है कि एक बच्चा जितना जल्दी कमाना सीखेगा उतना ही उनके परिवार के लिए अच्छा होगा। साल 2006 में किए गए एक संशोधन के अनुसार लगभग 76 मिलियन से अधिक बच्चों ने अभी तक स्कूल भी नहीं देखा है।
  3. माता पिता के लालची होने के कारण भी कई बच्चे इस बीमारी का शिकार हो जाते है। क्योकि वे स्वयं कुछ काम नहीं करते है और कमाने के लिए अपने बच्चो को बाल मजदूरी के लिए भेज देते है।
  4. कई गुंडे-माफिया अनाथ बच्चो को पकड़कर भीख माँगने पर और बाल मजदूरी करने पर मजबूर कर देते है। ऐसे बच्चो की ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है।
  5. इसके अलावा कई बच्चों को बचपन में ही अपने परिवार को संभालने की ज़िम्मेदारी आ जाती है। क्योकि उनकी ज़िंदगी में कुछ ऐसी घटनाए होती है जिसकी वजह से घर में कोई कमाने वाला नहीं रहता। इसलिए ऐसे बच्चों को अपने परिवार की मजबूरी के कारण कारखानों, होटलों और ढाबों में काम पर जाना पड़ता है।
  6. विश्व के सबसे ज्यादा आबादी वाले देशो में भारत दूसरे पायदान पर है। और जहां लोग ज्यादा होंगे वहा लोगो का भरण-पोषण करना थोड़ा कठिन होगा। इससे जीवन ज़रूरियात वस्तुओ का मूल्य बढ़ेगा। इसकी वजह से गरीब परिवार को कमाने के लिए घर के सभी लोगो को मज़दूरी करने जाना पड़ता है जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल होते है। इससे भी बाल मजदूरी को बढ़ावा मिलता है।
  7. भ्रष्टाचार के कारण भी बाल श्रम बढ़ता है, क्योकि बड़ी-बड़ी होटलों और कारखानों में बिना कोई डर के बच्चो को काम पर रख लेते है। उनको पता है कि अगर पकडे भी गए तो पैसे देकर छूट जाएँगे। इसके अलावा भी ऐसे कई कारण है, जिससे बच्चो को मजदूरी करनी पड़ती है।
  8. W.L.R (World Labour Report) के मुताबिक बाल मजदूरी को मजबूर श्रम भी कहा जाता है।

 

(यह भी पढ़े- आतंकवाद पर निबंध)

 

बाल मजदूरी के परिणाम

  • हर बच्चे का अधिकार है कि वो खिलौने से खेले, घर के सभी सदस्य उसे प्यार करे, अच्छी से अच्छी शिक्षा ले और पढ़-लिख कर ज़िंदगी में सफल हो। लेकिन जिन बच्चों को बाल मज़दूरी के दल-दल में डाल दिया जाता है, उन्हें यह कुछ भी नसीब नहीं होता है।
  • पूरी दुनिया में अभी 14 वर्ष से कम उम्र वाले 215 मिलियन ऐसे बच्चे है, जिनका वक्त स्कूल, किताबों और दोस्तों के साथ नहीं बल्कि होटलों, कारखानो और घरों में बर्तन, झाडु-पोंछे के साथ बीतता है।
  • पूरे विश्व में सबसे ज्यादा बाल मजदूर हमारे देश भारत में है।
  • आंकड़ो की बात करे तो 1991 की जनगणना के अनुसार भारत में बाल मजदूरों की संख्या 3 मिलियन थी। लेकिन यह संख्या साल 2001 में बढ़कर 12.7 मिलियन तक पहुंच गयी है। वर्तमान भारत में बाल मजदूरो की संख्या 35 मिलियन से भी ज्यादा है।
  • मजदूरी कर रहे बच्चो को बौद्धिक, शारीरिक, मानसिक और सामाजिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
  • लगातार शारीरिक और मानसिक पीड़ा के कारण बच्चे नशे का शिकार हो जाते है। इसके साथ-साथ कई खतरनाक आदतें जैसे ड्रग्स, शराब और हिंसा भी बच्चे अपना लेते है।
  • बाल मजदूरी के कारण कई बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते है और अंत में इन फूल जैसे प्यारे बच्चों की मृत्यु हो जाती है।
  • कई जगहो पर बच्चों के साथ शारीरिक योन शोषण की घटनाएं भी सामने आई है।
  • अमेरिका में हुए एक रिपोर्ट के मुताबिक बाल मज़दूरी में फसे कुल बच्चों में से लगभग 40 प्रतिशत बच्चे शारीरिक शोषण का शिकार होते है।
  • बाल मजदूरी के कारण देश का विकास बहुत धीमा हो जाता है, क्योकि कई बच्चे अच्छी शिक्षा ना ले पाने की वजह से देश के विकास में कोई सहयोग नहीं दे पाते है।
  • अंत में हम यही कहेंगे कि बाल मजदूरी के कारण बच्चो का पूरा जीवन खराब हो जाता है।

 

(यह भी पढ़े- कोरोना वायरस पर निबंध)

 

बाल मजदूरी रोकने के उपाय

हमारे देश के लिये यह जरूरी है कि देश की सबसे कीमती संपत्ति यानि हमारे बच्चों को संरक्षित किया जाए। इस गंभीर समस्या को जड़ से मिटाने के लिए हमें सबसे पहले अपनी सोच में एक बड़ा बदलाव लाना होगा। इसके लिए हमें अपने घर, ऑफिस और कारखाने में किसी भी बच्चे को काम पर नहीं रखना चाहिए।

essay on child labour in hindi

बाल मजदूरी रोकने के लिए हमारी सरकार को भी कुछ सख्त कानून बनाने चाहिए। ताकि अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे से काम करवाना चाहे तो पहले 100 बार सोचे। लेकिन हमें भी सरकार को पूरा सहयोग देना चाहिए, क्योकि ताली कभी भी एक हाथ से नहीं पड़ती है। अगर हमारे सामने कोई एसा मामला आए तो हमें सबसे पहले पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी खबर करनी चाहिए।

जो गरीब माता-पिता है उन्हें भी अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि भारत सरकार मुफ्त में शिक्षा, शिष्यवृति, खाना और दवाईयाँ जैसी चीजे दे रही है। लेकिन अगर हमें किसी बाल मजदूर का पता चले तो उस बच्चे के परिवार वालों से हमें मिलना चाहिए और उनको शिक्षा का महत्व समझाना चाहिए।

इसके साथ-साथ हमें बड़े-बड़े कारखानों और फेक्टरियों के मालिकों को समझाना चाहिए कि आप 14 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे से यहां काम न करवाएं। हमें भ्रष्टाचारी लोगों को रोकना चाहिए, क्योकि भ्रष्टाचार की वजह से बाल मजदूरी करवाने वाले अपराधी पैसे देकर बड़ी आसानी से छूट जाते है।

हमें नए-नए एनजीओ और यूनियनों की स्थापना करनी चाहिए, जो केवल बाल मजदूरो को बचाने और उनको शिक्षा देने का कार्य करते हो। इसके अलावा विश्व के कई देशों को मिलकर बाल तस्करी को रोकने के लिए कुछ प्रयास करने चाहिए। इससे आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाल मजदूरी को रोका जा सकता है।

 

(यह भी पढ़े- मेरे सपनों का भारत पर निबंध)

 

बाल श्रम कानून क्या है?

ऐसा नहीं है कि भारत सरकार ने बाल मजदूरी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है।  साल 1986 में ही भारत सरकार ने चाइल्ड लेबर एक्ट बनाया था। इस अधिनियम के तहत बाल मजदूरी को एक अपराध माना गया और रोजगार पाने की कम से कम उम्र 14 वर्ष कर दी गयी थी। इसके साथ-साथ सरकार ने बाल मजदूरी के खिलाफ एक प्रोजेक्ट भी तैयार किया जिसका नाम नेशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट रखा गया था। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उदेश्य बाल मजदूरी को जड़ से खत्म करने का था।

2017 में भारत सरकार ने बाल श्रम के लिए एक बहुत अच्छा निर्णय लिया, जिसमें हम बाल श्रम की शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज कर सकते है। इसके लिए भारत सरकार ने PENCIL (प्लेटफॉर्म फॉर इफेक्टिव एनफोर्समेंट फॉर नो चाइल्ड लेबर) नाम का एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है। जब आप इस पोर्टल में ऑनलाइन शिकायत करते है तो स्थानीक पुलिस उस बच्चे को बचा लेती है। और फिर उस बच्चे पर तब तक नजर रखती है जब तक उसका नाम किसी स्कूल में दर्ज नहीं हो जाता।

लेकिन क्या यह प्रोजेक्ट सफल रहा? हमें इस योजना से कितना फाइदा मिला? कितने बच्चो को हम बाल मजदूरी से बचा सके? और हमारी सरकारों द्वारा बाल श्रम के खिलाफ इतने सारे नियम बनाने के बावजूद, हमारा देश बाल श्रम में सबसे आगे क्यों है? यह सभी प्रश्न हमें अपनी सरकार से पूछने की जरूरत है।

लेकिन बच्चों को बाल श्रम से बचाना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। हम सभी को मिलकर सरकार का साथ देना चाहिए और इस गंभीर समस्याओ को जड़ से खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। किन्तु अगर हम सिर्फ सरकार को दोष देते रहें और व्यक्तिगत रूप से कोई काम न करें तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे बच्चे भी कहीं मजदूरी कर रहे होंगे।

 

(यह भी पढ़े- मेरा परिवार पर सुंदर निबंध)

 

निष्कर्ष

आज विश्व के सभी देशो के लिए बाल मज़दूरी एक गंभीर समस्या है। क्योकि इस समस्या से पूरा देश अंदर से खोखला हो जाता है। अगर हमें एक विकसित भारत का निर्माण करना है तो इस गंभीर समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। इसलिए आज से ही बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज़ उठाए और मजदूरी कर रहे हर बच्चे कि मदद करे। (Child Labour Essay in Hindi)


FAQ

बाल श्रम क्या है ?

दुनिया के किसी भी क्षेत्र में जब बच्चों से दबावपूर्णं काम करवाया जाए उसे बाल मजदूरी कहते है।

बाल श्रमिक की मुख्य समस्याएं क्या है ?

मजदूरी कर रहे बच्चो को कुपोषण, शारीरिक योन शोषण और मानसिक तनाव जैसी कई समस्याओ का सामना करना पड़ता है।

बाल मजदूरी की उम्र कितनी है ?

भारत में 14 साल से कम उम्र के बच्चो को काम करवाना गेरकानूनी अपराध है। लेकिन अगर कोई काम करवाता है तो उसके खिलाफ बाल श्रम अधिनियम के तहत सजा होगी।

बाल श्रम अधिनियम क्या है ?

साल 1986 में ही भारत सरकार ने बच्चो के लिए बाल श्रम अधिनियम बनाया था। इस अधिनियम के तहत बाल मजदूरी को एक अपराध माना गया है।


अन्य निबंध पढ़े : 

भारतीय शिक्षा प्रणाली पर निबंध

आत्मनिर्भर भारत पर निबंध

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध

योग का महत्व पर निबंध

आदर्श विध्यार्थी पर निबंध

ताजमहल पर निबंध

Leave a Comment