ताजमहल पर एक सुंदर निबंध (2022)- Essay on Taj Mahal in Hindi

दोस्तो, आज हम ताजमहल पर निबंध जानने वाले है। यह निबंध आपको स्कूल, कॉलेज और कई जगहो पर काम आने वाला है। इस निबंध में हम दुनिया के सात अजूबो में से एक यानि ताजमहल के बारे में जानेगे। इसके साथ-साथ यह भी समझेगे कि आखिर क्यो ताजमहल दुनिया की प्रमुख सात अजायबियों में शामिल किया गया था।
 

Table of Contents

ताजमहल का इतिहास 

परसिया नाम के एक देश की राजकुमारी थी, जिसका नाम मुमताज महल अर्थात अरजुमंद बानो बेगम था। कहा जाता है कि मुमताज महल एक सिपाही के प्रेम में पागल थी और इन दोनों ने शादी भी की थी। यह सिपाही मुगल शासक शाहजहाँ की सेना में था। परंतु एक दिन शाहजहाँ की नज़र उस सिपाही की पत्नी यानि मुमताज महल पर पड़ी। मुमताज महल को देखते ही शाहजहाँ को प्यार हो गया। अब शाहजहाँ मुमताज महल से शादी करना चाहता था।

लेकिन जब तक वह सिपाही जिंदा था, तब तक मुमताज महल को पाना शाहजहाँ के लिए मुश्किल था। इसलिए शाहजहाँ ने उस सिपाही की छल-कपट से हत्या करवा कर मुमताज से निकाह कर लिया। मुगल शासक शाहजहाँ ने मुमताज से पहले भी कई महिलाओ से निकाह किया था। लेकीन देखते-ही-देखते मुमताज शाहजहाँ की सबसे प्रिय बेगम बन गई। परंतु अपने संतान को जन्म देते समय बेगम मुमताज की मृत्यु हो गई। इस खबर को सुन कर शाहजहाँ को बहुत दुख हुआ था और यही से शाहजहाँ को ताजमहल के निर्माण करने का विचार आया था।

 

ताजमहल कहा है 

शाहजहाँ ने उत्तर प्रदेश (यूपी) के आगरा जिले में ताजमहल को बनवाया था। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। ताजमहल आगरा के किले से लगभग 2.5 KM की दूरी पर है। इसके अलावा ताजमहल को भारत की सबसे लंबी नदीयो में से एक यानि यमुना के तट पर बसाया गया है। भारतीय, इस्लामिक और पारसी इन तीनों कलाओ का मिश्रण हमें ताजमहल में देखने को मिला है। इसलिए तो युनेस्को ने साल 2007 में ताजमहल की सुंदरता को देखते हुए उसे विश्व विरासत के रुप में चिह्नित किया था।

 

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ताजमहल का निर्माण कार्य

मुमताज की बेइंतहा प्रेम की निशानी के रूप में शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण करने का विचार किया था।  इसलिए तो ताजमहल को मुमताज़ का मकबरा भी कहते है। इसके लिए शाहजहाँ ने साल 1631 में आधिकारिक रूप से ताजमहल के निर्माण की घोषणा कर दी और 1632 में ताजमहल का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया।ताजमहल के निर्माण के लिए देश-विदेश से प्रसिद्ध शिल्पकार और कारीगरों को बुलाया गया था। इसमें ईरान और विश्व के सबसे प्रसिद्ध शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहौरी के अधीन ताजमहल का निर्माण कार्य किया गया था।

ऐसा माना जाता है कि लगभग 20,000 कारीगरों ने ताजमहल के निर्माण में कार्य किया था और करीब 20 साल बाद साल 1653 में ताजमहल का निर्माण कार्य पूरा हुआ था। इन 20 सालो में ताजमहल पर 320 लाख रूपिये से ज्यादा पैसे खर्च किए गए थे। इन पैसो की आज की कीमत करीब 52.8 अरब रुपये है। इस तरह ताजमहल जैसे ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण किया गया था। शाहजहाँ के लिए ताजमहल न सिर्फ एक मकबरा था, बल्कि अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल का एक घर था। इसी की वजह से ताजमहल को प्रेम और प्यार का मकबरा भी कहते है।

 

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ताजमहल की सजावट और सुंदरता 

सफेद संगमरमर से बनी हुई यह इमारत और उसके आस-पास का वातावरण बहुत ही आकर्षक है। ताजमहल के अंदर के भाग को पारंपरिक तरीके से सजाया गया है। इसके लिए कई कीमती रत्नो का उपयोग किया गया है।ताजमहल के अंदर एक 8 कोणों का कमरा है। इसके अलावा ताजमहल की दक्षिण की दिशा में दरवाजे बनाए गए है। संपूर्ण ताजमहल का केंद्र मुमताज़ महल का मकबरा है। इस मकबरे को सफ़ेद संगमरमर से लगभग 42 एकड़ में बनाया गया है। 

उसकी अंदर की दीवारे 25 मीटर ऊंची है। अंदर के भाग में एक संगमरमर से निर्मित गुंबद है। इसी गुंबद के नीचे शाहजहां और मुमताज की कबरे है। ताजमहल की बाहर के सजावट भी कुछ कम नहीं है। उसकी बाहरी सजावट को मुगल वास्तुकला से सजाया गया है। बाहर सजावटी पत्थर और नक्सी काम बहुत जबरदस्त है। सजावटी घास और पेड़ की सुंदरता ताजमहल के बाहर भी एक खूबसूरत वातावरण देती है। 

ताजमहल के बाहर एक बहुत बड़ा और ऊँचा दरवाजा है, जिसे हम बुलंद दरवाजा के नाम से जानते है। इस बुलंद दरवाजे को लाल पत्थरो से बनवाया गया था। इसके अलावा ताजमहल के सामने ही पानी के आकर्षक फुवारे लगाए गए है। ताजमहल की सुंदरता में यमुना नदी का भी बहुत बड़ा भाग है। जब यहाँ चाँदनी रात होती है, तब ताजमहल की परछाई यमुना नदी के पानी में पड़ती है। इसकी वजह से एक अद्भुत नज़ारा दिखाई देता है। जब हम ताजमहल में प्रवेश करते है, तब द्वार पर एक बहुत ही सुंदर लेख लिखा हुआ है। हे आत्मा, तू ईश्वर के पास विश्राम कर और ईश्वर के पास शांति के साथ रहे तथा उसकी पूर्ण शांति तुझ पर बरसे। इस लेख का श्रेय अमानत खां नाम के एक फारसी लिपिक को जाता है।

 

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दुनिया के सात अजूबों मे से एक ताजमहल 

ताजमहल की अद्वितीय विशेषता पूरी दुनिया को हमारी शानो-शौकत और संस्कृति की महानता दिखाती है।इसलिए तो विश्व के कई देशों से लाखों लोग ताजमहल की सुंदरता को देखने आते है। स्विट्जरलैंड के न्यू वंडर्स फाउंडेशन ने साल 2000 से 2007 के दरमियान विश्व की लगभग 200 ऐतिहासिक इमारतों का एक सर्वेक्षण किया था। और कहा जाता है कि इसमें करीब 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था।

इसी सर्वेक्षण के आधार पर साल 2007 में ताजमहल को दुनिया के प्रमुख सात अजूबों में सम्मिलित किया गया था। ताजमहल की मुख्य चीज़ तो यह है कि 2007 से अब तक ताजमहल को सात अजूबों की श्रेणी से हटाया नहीं गया है। न्यू वंडर्स फाउंडेशन के साथ-साथ यूनेस्को ने भी ताजमहल और आगरा के किले को विश्व विरासत के रुप में चिह्नित किया गया था। ताजमहल इतना सुंदर है कि रबिन्द्रनाथ टैगोर भी इसकी सुंदरता पर दो शब्द लिखने के लिए मजबूर हो गए थे। रबिन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था कि ताजमहल संगमरमर का एक स्वप्न है।

 

क्या अम्ल वर्षा से ताजमहल को नुकसान है 

सामान्य पानी में जब नाइट्रोजन और सल्फर के ओक्साइड्स मिल जाए, तब पानी की ph मान कम होने लगती है।इस समय अगर वर्षा हो जाए, तो वर्षा का जल और ओक्साइड्स के बीच एक रासायनिक क्रिया होती है। इस रासायनिक क्रिया से पानी में ph मान घट जाती है और एसिड (अम्ल) की मात्रा पानी में बढ़ा देती है। और इसे ही अम्ल वर्षा या एसिड वर्षा कहते है। 

इसे विस्तार से समझे तो आगरा में कई ऐसे कारखाने है, जो काफी घातक रासायनिक पदार्थ निकालते है। इसी अम्ल वर्षा से ताजमहल को नुकसान हो रहा है। अम्ल वर्षा की वजह से ताजमहल के सफ़ेद संगमरमर पीला पड़ने लगे है। जिसकी वजह से ताजमहल धीरे-धीरे अपना सौन्दर्य खोने लगा है। अगर जल्द ही इस अम्ल वर्षा की समस्या के बारे में सोचा नहीं गया, तो आने वाले समय में हम ताजमहल की सुंदरता को पूरी तरह खो देंगे। परंतु अगर हमें अम्ल वर्षा से बचना है, तो हमें ज्यादा-से-ज्यादा पेड़ लगाने होंगे। इसके अलावा अगर हम इन घातक रासायनिक पदार्थ वाले कारखानों को इसके बारे में जागरूक करे तो शायद हम इस समस्या से निपट सकते है।

 

ताजमहल से जुड़ी कुछ अफवाह

प्राचीन समय से लेकर आज तक ताजमहल को लेकर देश और विदेश में कई अफवाहे फैली हुई है। जैसी कि शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों और कारीगरों के हाथ काट दिए थे। परंतु सच्चाई तो यह है कि शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों और कारीगरों को पूरी ज़िंदगी पगार देने का वादा किया था। इसके अलावा कई लोगो का यह भी मानना है कि ताजमहल का रंग समय-समय पर बदलता रहता है। परंतु इसकी सच्चाई भी यह है कि दिन में सूरज की रौशनी से ताजमहल चमकने लगता है और रात में चाँद की रौशनी से ताजमहल का रंग थोड़ा बदला हुआ नजर आता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ताजमहल अपने आप ही रंग बदलता है।

 

निष्कर्ष

इतना सब कुछ जानने के बाद शायद अब आप लोगो को पता चल गया होगा कि क्यो ताजमहल दुनिया की प्रमुख सात अजायबियों में शामिल किया गया था। सच में ताजमहल हमारे देश की एक अद्भुत रचना है। हम सभी देशवासियों को ताजमहल के इस अद्भुत स्मारक पर गर्व होना चाहिए। परंतु वर्तमान में ताजमहल की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। इसके लिए हम सभी को आगे आकर ताजमहल की रक्षा करनी होगी। (Essay on Taj Mahal in Hindi)


FAQ

Q : ताजमहल का दूसरा नाम क्या है ?

ANS : बीबी का मकबरा

Q : ताजमहल बनाने में कितने पैसे लगे ?

ANS : 320 लाख यानि 32 करोड़ से ज्यादा पैसे खर्च किए गए थे। इन पैसो की आज कीमत करीब 52.8 अरब रुपये है।

Q : ताजमहल को बनने में कितने साल लगे थे ?

ANS : 1631 में ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 1653 में ताजमहल का निर्माण कार्य पूरा हुआ था। इस तरह ताजमहल को बनने में 22 साल लगे थे।


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