(वृक्षों का महत्व पर निबंध, पेड़ो को काटे जाने के प्रमुख कारण, पेड़ो के फायदे, पेड़ों को काटने से क्या-क्या हानि होती है, पेड़ों की कटाई रोकने के उपाय)
प्रकृति ने पूरी दुनिया को एक बहुत बड़ा उपहार दिया है, जिसे हम वृक्ष या पेड़ के नाम से जानते है। इसके बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव है। क्योकि पेड़ लगाने से पृथ्वी पर ऑक्सीज़न की मात्रा बढ़ती है और मनुष्य को हानी पहुंचाने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम होती है। इससे हमारा वातावरण शुद्ध रहता है। इसलिए पेड़ो को हरा सोना भी कहा जाता है। एक रिपोर्ट से पता चला कि, पेड़ों के आस-पास रहने वाला व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहता है और पेड़ों से दूर रहने वाला व्यक्ति हमेशा बीमारियों से घिरा रहता है। इसी कारण हमें अपने जीवन में अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।
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पेड़ो का महत्व
पेड़-पौधे पर्यावरण का सबसे अनमोल प्राकृतिक संसाधन है। मनुष्य को हमेशा पेड़ो ने लाभ ही पहुंचाया है। जैसे कि पेड़ों से हमें फल, फूल, ईंधन आदि प्राप्त होता है। इसके अलावा पेड़ों के पत्तों, फूलों और जड़ों से दवाएं बनाई जाती है, जो कई बिमारियों से निपटने के लिए उपयोगी है। इसलिए पेड़ मनुष्य के सबसे घनिष्ठ मित्र है। मनुस्य के साथ-साथ पृथ्वी पर रहे जीव-जंतु भी पेड़ो पर निर्भर है। जैसे पशु जंगलों में रहते है और पक्षी पेड़ों पर अपना घोंसला बनाते है। इन दोनों का भोजन पेड़ है।
हम सभी जानते है कि ऑक्सीजन दुनिया के सभी जीवों के लिए बहुत जरूरी है, जबकि कार्बन-डाइऑक्साइड हमारे लिए हानिकारक है। और पेड़ ही सूर्य की रोशनी पर प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया करके हवा से खुद कार्बन-डाइऑक्साइड लेकर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते है। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, एक बड़ा पेड़ हर दिन लगभग 230 लीटर ऑक्सीजन वातावरण में छोड़ता है, जो सात लोगों के लिए पर्याप्त है।
इसके अलावा जब गर्मियों का मौसम होता है, तब पेड़ सूरज की तपती किरणों से हमारी रक्षा करते है। पेड़ पृथ्वी के तापमान को भी बढ़ने से रोकते है। गाँवों में वृक्षो की हरियाली हमारे मन को मोह लेती है। चारों ओर लहराते पेड़ बहुत ही खूबसूरत नज़ारा देतें है। शाम के समय इन पेड़ों से निकलने वाली ठंडी हवा मनुष्य की सारी थकान दूर कर देती है। परंतु शहरों में गाँवों की तरह हरियाली देखने को नहीं मिलती, क्योंकि शहरों में आधुनिकीकरण की वजह से काफी पेड़ काटे जाते है।
भारत जैसे देशों में वृक्षों का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। जैसे विवाहित महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती है। इसलिए बरगद के पेड़ को जीवनदाता कहा जाता है। इसके अलावा पीपल के पेड़ को बोधी वृक्ष कहा जाता है, क्योंकि भगवान गौतम बुद्ध को पीपल के पेड़ के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसी वजह से हमारे साधु-संत भी पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर ही साधना करते है। आम के पेड़ की लकड़ी का प्रयोग हवन करने के लिए किया जाता है। भारत में पूजा-पाठ, विवाह, त्योहार या मुख्य अवसरों पर पेड़ो का बहुत उपयोग किया जाता है ।
पेड़ों का इस्तेमाल घर की हर छोटी-बड़ी वस्तुओं में भी किया जाता है। जैसे की घर का फर्नीचर, कागज़, रबर, औजार, प्लाई-बोर्ड और अनेक चीज़ों में पेड़ो का उपयोग किया जाता है। पेड़ों के कारखानो से कई लोगो को रोजगार मिलता है। इस तरह पेड़ हमें रोजगार भी देते है।
लेकिन वर्तमान समय में मनुष्य विकास और आधुनिकता की दौड़ में पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाने लगा है। वह पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है। परंतु पेड़ो की कमी के कारण आज हमें अकाल और सुनामी जैसी स्थितियाँ देखने को मिलती है। यदि हमने जल्द ही पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को नहीं रोका तो भविष्य में हमारे बच्चों का जीवन बहुत कठिन हो जाएगा। इसलिए हमें आज से ही वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।
पेड़ो को काटे जाने के प्रमुख कारण
मानव जनसंख्या में निरंतर वृद्धि के कारण हमारी रहने योग्य और कृषि योग्य भूमि काफी कम हो गई है। जिसकी वजह से लोगो ने रहने योग्य और कृषि योग्य भूमि की खोज शुरू कर दी, परंतु मानवो को कोई जगह नहीं मिली। इसके बाद लोगो ने वनो को काटना शुरू कर दिया। वनो को काट कर लोग वहीं रहने लगे और खेती करना भी उन्होने शुरू कर दिया। इसलिए तो कहा जाता है कि, मनुष्य वृक्षो के जंगल को काटकर पत्थरो का जंगल बना रहा है।
इसके अलावा बड़े-बड़े साम्राज्य वाले लोगो ने सरकार की अनुमति लेकर जंगलो में राक्षसी फैक्ट्रियों शुरू कर दी। इस वजह से भी पेड़ो को बड़ी दरिद्रता के साथ काटा गया है। हैरानी की बात तो यह है कि आज भी यह प्रक्रिया बहुत तेजी से जारी है। आज का मनुष्य अपने विकास और लाभ के लिए प्राकृतिक संसाधनो को नष्ट कर रहा है।
लेकिन पेड़ो की कटाई से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। जैसे कि आज भारत का वातावरण शुष्क होता जा रहा है, जिससे बारिश अनियमित हो गई है। हर साल देश के कई राज्यों को अनियमित वर्षा के कारण बाढ़ का सामना करना पड़ता है, जबकि कई राज्यों को सूखे का सामना करना पड़ता है। भारत के कई विस्तार में भूमिगत जल बहुत ही ज्यादा नीचे चला गया है। इस वजह से कई किसानों के पास न तो सिंचाई का पानी है और न ही पीने का।
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पेड़ो के फायदे
- पेड़ मानव जीवन का अस्तित्व है, क्योंकि इससे हम अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करते है।
- इसके अलावा पेड़ो से हमें फल-फूल और अनाज प्राप्त होता है, जो हमारे दैनिक जीवन में बहुत उपयोगी होते है।
- तुलसी, अश्वगंधा, आंवला, ब्राह्मी, नीम और अंकोल जैसे कई पेड़-पौधो से औषधियां बनाई जाती है, जिससे कई खतरनाक बीमारियों का इलाज किया जाता है ।
- पेड़-पौधो की पत्तियां जहां गिरती है, वहां जैविक खाद बनता है। इससे भूमि उपजाऊ बनती है और फसलें भी अच्छी होती है।
- पेड़ मिट्टी के कटाव को रोकते है, क्योकि पेड़ो की जड़ें मिट्टी को मज़बूती से पकड़े रखती है। इससे प्राकृतिक आपदाओं का ख़तरा भी कम होता है। इसके साथ-साथ पेड़ों की जड़े बारिश के पानी को धरती के भूमिगत स्तर तक ले जाने का काम करती है।
- हमारे आस-पास जीतने भी पशु-पक्षी है, उनका घर और भोजन पेड़ है। पेड़ो के बिना तो इन जीवो की कल्पना करना भी मुश्किल है।
- पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोक्सइड जैसी जहरीली गैसों को अपने अंदर अवशोषित करके हमें ऑक्सीज़न जैसी फायदा कारक गैस देते है।
- एक रिसर्च के अनुसार, पेड़-पौधे पूरे 1 साल में लगभग 260 पाउंड (117 किलो) ऑक्सीजन वायु उत्पन्न करते है। और एक पौधा अपने पूरे जीवनकाल में 1 टन से भी अधिक कार्बन डाइऑक्साइड वायु ग्रहण करता है।
- इसके अलावा दुनिया में बसा हर इंसान मुफ्त में इन पेड़ों से 78 लाख 84 हजार का ऑक्सीजन 1 साल में प्राप्त करता है। जबकि 26000 Km चलने पर एक कार जितना प्रदूषण करती है, उतना प्रदूषण एक पेड़ एक साल में अवशोषित करता है।
- पेड़ो से जो लकड़िया मिलती है उससे फर्नीचर, रबर और कागज जैसी कई चीजें मिलती है। इन सभी चीजों का उपयोग मनुष्य अपने सामान्य जीवन में करता है।
- किसानों को अच्छी फसल के लिए समय पर बारिश होना जरूरी है। पेड़ो की वजह से ही समग्र पृथ्वी पर समय से बारिश होती है । वृक्षो के कारण पृथ्वी का संतुलन बना रहता है।
- जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए हमे पेड़ो का सहारा लेना होगा और अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे।
- इसके अलावा जो व्यक्ति हरे और घटादार पेड़ो के आस-पास रहता है, उसके अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा होती है। इसके साथ-साथ पेड़ हमारे शरीर की इंद्रियो को भी ज्यादा खुलने में मदद करता है।
- इस तरह पेड़ हमारे लिए बहुत उपयोगी है। लेकिन मनुष्य सिर्फ इन पेड़ों से लाभ उठाना जानता है। पेड़ो का संरक्षण करना और अधिक पेड़ लगाना मानवी ने सीखा ही नहीं। आज का मानव बहुत तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है और बड़ी मात्रा में वृक्षो को नुकसान पहुंचा रहा है। अगर हमने जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया तो हमारा भविष्य ऐक बड़े खतरे में है।
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पेड़ों को काटने से क्या-क्या हानि होती है?
- हमने वृक्षो से होने वाले फ़ायदों को जाना, लेकिन इन वृक्षों की कटाई से हो रहे विनाशकारी परिणामो को हम बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते है।
- दिन-प्रतिदिन मनुष्य की जनसंख्या बढ़ती जा रही है, इसके साथ-साथ उसकी लालच भी बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से मनुष्य लगातार वनों का विनाश कर रहा है।
- सौंदर्य से भरे कई वनों को मानवी ने वेरान बना दिया है। इसलिए आज कई हरियाली से भरे वन रेगिस्तान में बदल चुके है।
- वनों का विनाश होने से कई जीव-जंतु और पशु-पक्षी बेघर होते जा रहे है। जंगली और खूंखार जानवर भी बस्ती वाले इलाको में आकर मनुष्य को हानी पहुंचा रहे है। क्योकि उनका घर और भोजन मनुष्य ने छिन लिया है।
- पेड़ो की कमी के कारण जल चक्र असंतुलित हो जाता है। जिससे कभी बहुत कम तो कभी बहोत ज्यादा वर्षा होने लगती है। इस अनिश्चित वर्षा की वजह से कृषि में नुकसान होने की संभावना रहती है ।
- वृक्षो की कमी से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ने लगेगी, जिससे पृथ्वी का तापमान भी बढ़ेगा। बढ़ते तापमान की वजह से ग्लेशियर (हिमनदी) पिघलकर पानी में बदल जाएंगे, जिससे समुद्र का जल स्तर बढ़ेगा। इसी की वजह से सुनामी, भूकंप और कई प्रकार के कुदरती प्रक्रोप आने की संभावना है।
- वनो की कटाई से जल, वायु, भूमि और ध्वनी प्रदूषण तेजी से बढ रहा है। इन्हीं खतरनाक प्रदूषण के कारण आज कई तरह की नई बीमारियां आने लगी है।
- एक रिसर्च से पता चला कि, वनो की कटाई से हर साल पृथ्वी का तापमान 1 से 2 डिग्री बढ़ रहा है। इसीलिए तो आज भारत के कई भीड़-भाव वाले क्षेत्रों मे लोगो को सांस लेने मे दिक्कत हो रही है। इसके अलावा पेड़ों को काटने से ओर भी कई नुकसान होते है।
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पेड़ों की कटाई रोकने के उपाय
अगर मनुष्य को इस धरती पर जीवित रहना है और अपना अस्तित्व बनाए रखना है, तो हमें पेड़ों को बचाना ही होगा। इसके लिए हमें सबसे पहले पेड़ को आग और लकड़ी तस्करों से बचाना होगा। इससे बड़ी संख्या में पेड़ों को बचाया जा सकता है। अगर आज हम खुद एक छोटा कदम उठाकर पेड़ो को बचाएंगे तो कल दुनिया का हर इंसान हमारा साथ देगा।
इसके अलावा हमें वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रम करके लोगों को वृक्षों के प्रति जागरूक करना होगा। इसके लिए अगर हर महीने खाली भूमि में वृक्षारोपण के अभियान चलाये जाए तो हम कई लोगों को जागरूक कर सकते है। इसकी वजह से लोगो में पेड़ो को लगाने का एक उत्साह भी आयेगा। अक्सर यह देखा गया कि, गांवों की तुलना में शहरों में ज्यादा पेड़ काटे जा रहे है। इसके साथ-साथ शहरो में रहने वाले लोगो को बीमारिया ज्यादा होती है। इसीलिए हमें शहरो मे वृक्षारोपण के अभियान ज्यादा करने चाहिए।
सरकार को भी पेड़ों की सुरक्षा के लिए कुछ सख्त कानून बनाने चाहिए। जैसे कोई व्यक्ति अगर बिना जरूरत के पेड़ काटता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि फिर से कोई व्यक्ति पेड़ काटने के बारे में सोचे नहीं। इसके अलावा वृक्षों के महत्व को विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। क्योकि जब एसे छात्र बड़े होंगे तब वह पेड़ो की रक्षा जरूर करेंगे।
यह कितना दयनीय है कि, जिन पेड़ो से हम हथियार बनाते हैं उसी पेड़ो से हम उनको काटते है। लेकिन अब हमें इनकी रक्षा करनी होगी अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ियों को इस दुनिया में प्रकृति से बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा।
निष्कर्ष
पेड़ प्राचीन काल से ही मानव और पशु जीवन का अभिन्न अंग रहे है। भारतीय संस्कृति में पेड़ो को पूजा जाता है, क्योकि समय के हर पहलू में पेड़ों ने हमारा साथ दिया है। परंतु इतनी सुख-समृद्धि देने के बाद भी बदले में हमने पेड़ो को सिर्फ विनाश ही दिया है। लेकिन याद रखना कि, जब इस पृथ्वी पर पेड़-पौधे नष्ट हो जाएंगे, तब पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव भी नष्ट हो जाएंगे। इसी को ध्यान में रखकर और भारत का एक जिम्मेदार नागरिक बनकर हमें पेड़ो का विकास करना होगा। तभी हम इस धरती पर अपना अस्तित्व बना पाएंगे।
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