कचरा एक बरबादी: दुनिया को बर्बाद करने वाला बड़ा कारण

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि कचरा एक बर्बादी क्यों है। अगर समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो भविष्य में हमें इसके बेहद खतरनाक परिणाम देखने को मिल सकते है। 

 

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कचरा क्या है और इसके कितने प्रकार है?

मनुष्य अपने दैनिक जीवन में बहुत चीज़ों का उपयोग करते है। उनका उपयोग करने के बाद हम इसके कुछ हिस्से को फेंक देते है। उसी को कचरा या अपशिष्ट कहा जाता है। कचरे को पाँच प्रकार में वर्गीकृत किया जाता है।

तरल कचरा

तरल कचरा आमतौर पर घरों के साथ-साथ उद्योगों में भी पाया जाता है। इस कचरे में गंदा पानी, जैविक तरल पदार्थ, अपशिष्ट डिटर्जेंट और बारिश का पानी शामिल है। 

ठोस कचरा

ठोस कचरे में वाणिज्यिक और औद्योगिक स्थानों के साथ-साथ आपके घर में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के बैग, कंटेनर, जार, बोतलें और सभी प्लास्टिक के उत्पादन शामिल है। प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं है, लेकिन कई प्रकार के प्लास्टिक को पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है। इसके अलावा पैकेजिंग सामग्री, समाचार पत्र, कार्डबोर्ड और अन्य उत्पादन भी ठोस कचरा में शामिल है। 

रिसाइकल रबिश

रिसाइकल रबिश में वह सभी कचरा शामिल होता है, जिन्हें हम कुछ परिवर्तन करके फिर से उपयोग कर सकते है। ठोस पदार्थ जैसे कागज, धातु, फर्नीचर और जैविक कचरा सभी को पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है। इन वस्तुओं को नियमित कचरे के साथ फेंकने के बजाय, उन्हें फिर से उपयोगी उत्पाद बनाने के लिए अपने स्थानीय रीसाइक्लिंग डिपो में ले जाएं। ताकि उसे फिर से उपयोगी उत्पाद बना सके।

खतरनाक कचरा

खतरनाक कचरे में ज्वलनशील, विषाक्त, संक्षारक और प्रतिक्रियाशील कचरा शामिल होता है। ऐसे अपशिष्ट आपको पर्यावरण के साथ नुकसान पहुंचा सकते है। इसीलिए इसे सही तरीके से निपटान करना चाहिए। 

 

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कचरा मनुष्य के लिए एक गंभीर समस्या

कचरे को अगर हम एक टायर के उदाहरण से समझे तो वैश्विक स्तर पर वपराश करके छोड़े गए टायरों की संख्या 1.5 बिलियन से अधिक आंकी गई है। इनमें से सिर्फ 5% ही स्थानीय रूप से पुनर्नवीनीकरण किए जाता है। 32% का ऊर्जा उतप्न्न करने के लिए निर्यात किया जाता है। लेकिन बाकी के 67% प्रतिशत टायर हमारे प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचा रहे है। 

कुछ लोग टायर को जला देते है, लेकिन उसमें से जहरीली गैस और रसायन निकलते है। इससे लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। यह तो केवल एक चीज़ है। ऐसि हजारो चीज़ों का सही निपटान न करने कि वजह से लगातार विश्व का पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। 

वैश्विक कचरे की चुनौतियों का समाधान करने के लिए विश्व पर्यावास दिवस 1 ओक्टोबर को मनाया जाता है।

 

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कचरे के प्रभाव क्या

आज बड़ी मात्रा में भोजन और उद्यान कचरा, निर्माण और विध्वंस कचरा, खनन कचरा, औद्योगिक कचरा, कीचड़, पुरानी टेलीविजन, पुरानी कारें, बैटरी, प्लास्टिक बैग, कागज, सैनिटरी कचरा, पुराने कपड़े और पुराने फर्नीचर जैसा कचरा उत्पन्न हो रहा है। 

इन सब चीज़ों से पर्यावरण को बहुत नकारात्मक प्रभाव हो रहा है। अपशिष्ट से निकालने वाला मीथेन गैस कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 84 गुना अधिक शक्तिशाली है। मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड गैस जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी स्मस्याओ को बढ़ावा देते है। एक रिपोर्ट से पता चला है कि 19वीं सदी के अंत से लेकर आज तक पृथ्वी के तापमान में 1.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। 

समुद्री वातावरण में हर साल लाखों व्हेल, पक्षी और कछुए प्लास्टिक बैग के कूड़े से मारे जाते है। क्योंकि वे अक्सर जेलिफ़िश जैसे भोजन के लिए प्लास्टिक के बैग में गलती करते है। ANIMALS STUCK नाम की वेबसाइट यह रिकॉर्ड करती है कि कितने जानवरों की प्रजातियों प्लास्टिक से प्रभावित होती है। वर्तमान समय में 2000 से अधिक प्रजातियां प्लास्टिक के कारण खतरे में है ।

प्लास्टिक में फंसने से जानवरों के लिए भयानक परिणाम हो सकते है। जैसे कि कम गतिशीलता, भुखमरी, डूबना या घुटन। प्लास्टिक में फंसे जानवर भोजन खोजने में कम सक्षम हो जाते है और शिकारियों के लिए भी आसान शिकार बन जाते है। लेकिन फिर भी हर साल दुनिया के महासागरों में अरबों पाउंड से भी अधिक प्लास्टिक डाला जाता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार दुनिया के महासागरों में 15-15 खरब प्लास्टिक के टुकड़े मौजूद है।

इन सब चीज़ों से आप अंदाजा लगा सकते है कि कचरा हमारे लिए कितना खतरनाक है। इसके अलावा बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अपशिष्ट पर्यावरण और मानवजाती के लिए बहुत हानिकारक है।

 

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निष्कर्ष :

शायद अब आप लोगो को पता चल गया होगा कि आखिर कचरा एक बरबादी क्यों है। इसका समाधान करने के लिये हम सभी लोगो को इसके बारे में जागरूक करना होगा। जब लोग इसके खतरनाक परिणामो को जानेंगे तो कुछ हद तक कचरे का कम उत्पाद करेंगे। इसलिए आज से ही लोगो को जागरूक करना शुरू करदे। (कचरा एक बरबादी)

 

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