मेरी प्यारी माँ पर निबंध- Essay about Mother in Hindi

स्त्री के कई रूप होते है, जैसे कि दादी, चाची, बहू, बेटी, पौत्री आदि। लेकिन जब वो एक माँ के रूप में होती है तब इसका रूप ही बदल जाता है। माँ यानि एक ऐसी महिला जो एक बच्चे की जन्म से लेकर अपनी मृत्यु तक सारी चीज़ों की देखभाल करती है। एक माँ दूसरों को खुशी देकर बड़े से बड़े गम को सहने की ताकत रखती है। माँ एक बच्चे की रक्षक, अच्छी अनुशासक और एक बेहतर दोस्त है। वो अपने बच्चे और परिवार के लिए पूरी दुनिया से लड़ने के लिए तैयार हो जाएगी। माँ एक ऐसा आशीर्वाद है जिसे कोई भी बदल नहीं सकता। 

 

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माँ के गुण क्या है

जिस दिन एक महिला शादी करके अपने ससुराल जाती है तब वो एक नए परिवार के साथ अपनी नयी ज़िंदगी की शुरूआत करती है। वो अपना सारा जीवन अपने बच्चों पर और परिवार की देखभाल के पीछे व्यतीत कर देती है। एक माँ के अंदर प्यार, देखभाल, बहादुरी, मेहनती और समझदारी जैसे कई गुण होते है। माँ का दिल कोमल, कर्तव्यनिष्ठा और करुणा से भरा हुआ होता है।

माँ अपने बच्चे के दृष्टिकोण से चीजों को देखने की कोशिश करती है ताकि बच्चे को कोई परेशानी न हो। वो अपने बच्चे के अंदर इतनी गुल जाती हे की वो भी एक बच्चा बन जाती है। वो अपनी ज़िंदगी के हर काम को सबसे अच्छा करने की कोशिस करती है। ताकि घर के किसी सदस्य को कोई समस्या न हो। वो अपने बच्चे को कठोर परिस्थितियों मे रहना सिखाती है। माँ केवल बच्चो को लाड-प्यार ही नहीं करती है, बल्कि बच्चो की बड़ी गलतीयो पर वो मारना भी जानती है। लेकिन मारने के कुछ देर बाद उसे फुसलाना और गलती को समझाने की कोशिस भी करती है।

 

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माँ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण क्यों है

दुनिया में ईश्वर ने एक मशीन बनाकर उसको महत्वपूर्ण भूमिका और विशेष अधिकार दीये थे। उसे भगवान ने दूसरो की मदद करने के लिए ही भेजा है और उस मशीन का नाम माँ है। कई लोगो ने अनुभव किया कि जब छोटे बच्चे बोलते नही है तब एक माँ उनकी चूपी को महसूस कर सकती है। वो खामोश बच्चे को समझती है। मदर मेड द डिफरेंस टी.डी जेक लेखक की पुस्तक है। इसे जीवन में आपको एक बार जरूर पढ़नी चाहिए, क्योकि इसमें माँ की लक्षणिकता अद्भुत दिखाई है। 

जीवन की विद्यालय में एक माता जबरदस्त शिक्षक होती है। उसने ही हमें इतिहास बदलने वाले व्यक्ति दिए है।एक दुःखी, एकाकी और भयभीत व्यक्ति के पास कोई हो या न हो, लेकिन उसकी माँ का हाथ हमेशा उसके चारों और लिपटा रहता है। एक माता निर्बल व्यक्ति को भी खुद पर विश्वास करना सिखा सकती है। क्योकि वो अपने अनुभव से जानती है कि किसी को मजबूत, स्वस्थ और आत्मविश्वासी कैसे बनाना है। 

मेरी माँ ने अपने जीवन में बहुत ही कठिन-से-कठिन दिनों को सहन किया है और मुजे भी कठिन परिस्थितियों में रेहना सिखाया है। माँ एक कुम्हार है, जो बच्चो को अपने दिल की कोमल मिट्टी से एक इतिहास बदलने वाले व्यक्ति के रूप में आकार देती है। बिगड़े हुए बच्चे को संभालने के लिए वो कभी मूर्तिकार भी बन जाती है, क्योकि वो जानती है कि कैसे हथौड़ों, छेनी और चाकू जैसे साधनो का उपयोग करके अपने बिगड़े हुए बच्चो को ठीक करना है।

यदि आपको माँ का महत्व पूछना है तो ऐसे व्यक्ति और ऐसे बच्चे से पूछिए जिसके पास माँ नहीं है। ज़िंदगी में एक बात जरूर याद रखना कि बाप बच्चे की दुनिया रचता है और माँ बच्चे की आंतरिक आत्मा का निर्माण करती है। अपने परिवार की हर छोटी से बड़ी चीज़ का ख्याल एक माँ रखती है। इस तरह माँ एक बच्चे के भगवान समान है।

 

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माँ की भूमिका क्या है

जिस पल बच्चा पैदा होता है तभी एक माँ भी फिर से जन्म लेती है, क्योकि इससे पहले वो कभी माँ के रूप में नहीं थी। वो पहले किसी की बेटी और बहू थी, लेकिन बच्चे के आने से वो एक माँ बनी है। हम सभी इस कहावत से परिचित होंगे की माँ घर की रोशनी है और जब एक घर की रोशनी चली ज़ाती है तब चारो और अंधेरा-ही-अंधेरा हो जाता है। इसके कारण कोई भी व्यक्ति कभी भी रास्ता भटक सकता है। वह हमेशा अपने परिवार वालो को खुश करने की कोशिश करती है।

एक माँ अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है। वो बच्चो के दिलों में प्यार और अच्छाई को जागृत करती है। यह हमारी माताओं की कुछ भूमिकाएँ थी।  लेकिन एक माँ के लिए क्या हमारी भी कोई भूमिका है या नहीं है? हमारी माताओ ने बच्चे के जन्म समय अपने जीवन को खतरे में डाला, हमें हर कठिन समय में एक सहारा देकर ऊपर उठाया और लगातार हमें मार्गदर्शन और प्यार किया। इसके लिए हमें उन्हें आभार, सम्मान और अपना भरोसा देना चाहिए। हमें उनसे साहस, शक्ति और आशा के पाठ सीखने चाहिए। 

 

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मां जितनी महत्वपूर्ण है, क्या पिता भी उतने ही महत्वपूर्ण है?

क्या हमारी माँ जितनी महत्वपूर्ण है, उतने ही क्या हमारे पिता भी है। अगर देखा जाय तो ज्यादातर कविताए माँ पर लिखी गई है। कई नाटक, साहित्य, कहानीया भी माँ पर थोड़ी ज्यादा है। ये सारे लेखको और कवियों के बारे में पढे तो हमें पता चलेगा कि वे अपनी माँ की तरफ थोड़ा ज्यादा जुकाव रखते थे। आज के आधुनिक युग में आप फेसबुक, इंस्टाग्राम, और व्हाट्सएप पर जांच कर सकते है कि पिता कि तुलना में माँ पर ज्यादा कंटैंट खोजा जा रहा है और पोस्ट किया जा रहा है। शायद इसका मतलब यह है कि लोग अपनी माता को थोड़ा ज्यादा महत्वपूर्ण मानते है।

लेकिन आधुनिक युग की इस लालची दुनिया में माता के शब्द को कम आंका जा रहा है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, वृद्धाश्रमों में महिलाओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, आखिर क्यू? उस माँ ने क्या आपको बड़ा करने के क्या कमी रखी, जिसकी वजह से आप उन्हे वृद्धाश्रमों छोड़ आए। एक माँ अपने बच्चे के लिए सब कुछ करती है। लेकिन फिर भी लोग क्यों अपनी माँ को परेशान करते है। 

याद रखना कि माँ के जाने पर हमारे लिए प्रार्थना करने वाला कोई नहीं होता और पिता के जाने पर हमें प्रोत्साहित करने वाला कोई नहीं होता। इसलिए दोनों की सेवा करे और उनको खुश रखे। 

 

निष्कर्ष

उम्मीद करते है कि इतना सब कुछ जानने के बाद शायद अब आपको पता तो चल गया होगा कि एक माँ का हमारे जीवन में क्या मूल्य है। अंत मे बस हम सभी ऊपर वाले से यही प्राथना करते है कि बस मुझे इतना सक्षम बना दो कि में अपने माता-पिता को हमेशा खुश रख सकु। जिस तरह बचपन में हमारे माँ-बाप ने हमें पाला-पोसा वैसे ही उनके बुढ़ापे में उनको खुश रख सकु। 


FAQ

Q : जीवन में माँ का क्या महत्व है ?

ANS : किसी भी मनुष्य के जीवन में उसकी माँ के महत्व की तुलना अमूल्य है। माँ अपना सब कुछ कुर्बान करके दूसरों की मदद करती है।

Q : माँ पर निबंध कैसे लिखे ?

ANS : हमने इस आर्टिकल में बहुत अच्छे तरीके से माँ पर निबंध लिखा है, आप एक बार उसे पढ़ सकते है।  


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