(2022) मेरा परिवार पर एक सुंदर निबंध – My Family Essay in Hindi

कुछ लोगो का ऐसा समूह जो एक ही घर में निवास करता हो और उनके बीच खून का संबंध हो, उसे परिवार कहते है। साधारण भाषा में समझे तो जब एक ही घर में दो से अधिक सदस्य रहते हो उसे परिवार कहा जाता है। जैसे की पति, पत्नी और बच्चो के समूह को हम परिवार कह सकते है। परिवार में सभी लोग प्यार-मोहब्बत के साथ एक ही छत के नीचे रहते है। एक खुशहाल परिवार मनुष्य के जीवन का सहारा होता है। क्योकि हर मुश्किल घड़ी में परिवार के सभी लोग एक-दूसरे का साथ देकर परेशानियों को दूर करने की कोशिश करते है। परिवार मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण करता है।  

 

Table of Contents

परिवार की आवश्यकता क्यो

किसी भी मनुष्य के लिए परिवार जरूरी है। जिस तरह मनुष्य का पहला शिक्षक उसके माता-पिता है, उसी तरह मनुष्य की पहली पाठशाला उसका परिवार है। एक परिवार ना सिर्फ मनुष्य को अंदर से मजबूत करता है, बल्कि बाहरी बुराईयों और खतरों से भी उसको बचाता है। इसलिए जब परिवार के किसी व्यक्ति पर कोई परेशानी आए तो, वह उसे आसानी से पार कर सकता है। परिवार हमें अपनी ज़िम्मेदारीयों का एहसास करा के समाज का ज़िम्मेदार नागरिक बनाता है।

एक मनुष्य का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास उसके परिवार में ही हो सकता है। क्योकि मनुष्य को जिस तरह परिवार में खुशहाली, स्नेह और सुरक्षित वातावरण मिलता है, वो कही और मिलना मुश्किल है।परिवार के साथ रहने वाले लोगों पर और अकेले रहने वाले लोगों पर कुछ सालो पहले एक परीक्षण किया गया था। जिससे पता चला की, अकेले रहने वाले लोगों की तुलना में परिवार के साथ रहने वाले लोग अधिक खुश होते है।

परिवार के साथ रहने वाले लोग अपने आपको सुरक्षित महसूस करते है। इसलिए हमें परिवार की आवश्यकता है। जब सभी लोग आप पर शंका करेंगे तब सिर्फ आपका परिवार ही आप पर विश्वास करेगा और आपको किसी भी दुविधा से बाहर लाने की कोशिश करेगा। इसी वजह से हमें परिवार की आवश्यकता है।

 

परिवार के प्रकार

परिवार मे रहे लोगो की संख्या के आधार पर परिवार के दो प्रकार है, संयुक्त परिवार और एकल परिवारअगर ज्यादा लोग हो तो संयुक्त परिवार और कम लोग हो तो एकल या छोटा परिवार। हम दोनों को बारी-बारी जानेगे।

संयुक्त परिवार 

संयुक्त परिवार को साधारण भाषा में समझे तो, एकल परिवारों का समूह यानि संयुक्त परिवार। ऐसे घरो में एक या दो पीढ़ियों के लोग एक छत के नीचे एक साथ रहते है। सभी लोग एक साथ भोजन लेते है। संयुक्त परिवार में घर का सबसे बड़ा पुरुष संपत्ति का संचालन करता है और वही परिवार के बड़े निर्णय लेता है। ऐसे परिवारों में घर के सभी लोग संपत्ति के हिस्सेदार होते है।

घर के सभी सदस्य हर साल आने वाले अनेक त्यौहार, धार्मिक उत्सव और पारिवारिक घटनाओं को एक साथ मनाते है। इसकी वजह से परिवार के अंदर प्यार-मोहब्बत बढ़ती है। संयुक्त परिवार में बच्चो का पालन-पोषण अच्छे से होता है। अगर बच्चे के माँ-बाप की मृत्यु हो गई हो, तब भी संयुक्त परिवार में उसका लालन-पालन अच्छे से होता है। संयुक्त परिवार में मनुष्य को कभी अकेलापन महसूस नहीं होता, क्योकि वहाँ पर कई और परिवार भी होते है।

इसके अलावा बच्चों को घर में ही खेल-कूद योग्य वातावरण मिल जाता है, जिससे उनको घर से बाहर जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। जब व्यक्ति वृद्ध हो जाए तब उसे किसी के सहारे की बहुत जरूरत होती है। क्योकि इस उम्र में काम करना मुश्किल है। लेकिन अगर संयुक्त परिवार होगा तो, वृद्ध व्यक्ति की मदद करने के लिए कई लोग आस-पास होगे और उनकी देख-रेख करेंगे। परंतु दुनिया में बसी हर चीज़ के फायदे और नुकसान दोनों है। इसलिए संयुक्त परिवार में भी कुछ समस्यायें है।

कई जगहो पर पाया गया कि संयुक्त परिवार में महिलाओं को सम्मान कम दिया जाता है। संयुक्त परिवार में महिलाओ को अपने लिए कम समय मिलता है, क्योकि उनको घर का सारा काम करना पड़ता है। कई बार परिवार में सदस्यों की संख्या ज्यादा हो तो आर्थिक स्थिति कमजोर होने की संभावना रहती है। इसके अलावा यह भी देखा गया कि पिता के मरने के बाद अक्सर संपत्ति को लेकर परिवार में विवाद होते है।  परिवार में ज्यादा सदस्य होने की वजह से आपसी मत-भेद की संम्भावना भी अधिक रहती है। और इसलिए आज संयुक्त परिवार का प्रचलन काफी कम होता जा रहा है। लोग संयुक्त परिवार से एकल और मूल परिवार की और जा रहे है।

एकल परिवार

एकल परिवार में सिर्फ पति-पत्नी अपने बच्चो के साथ निवास करते है। कई बार पति या पत्नी का अविवाहित बहन या भाई भी उनके साथ रहता है। अक्सर देखा गया है कि एकल परिवार में लोग आत्म निर्भर होते है, क्योकि ऐसे परिवारों मे स्वयं निर्णय लेने के स्वतंत्रता होती है। इसलिए उनके अंदर आत्मविश्वास भी ज्यादा होती है। वह अपने बच्चो को भी स्वयं निर्णय लेने के लिये उत्साहित करते है।

एकल परिवार में लोगो के बीच भावनात्मक लगाव गहरा होता है। एक रिपोर्ट से पता चला कि जहां औद्योगिक विकास ज्यादा होता है वहा एकल परिवार अधिक होते है। इसलिए शहरों में एकल परिवार होने की संभावना अधिक होती है। संयुक्त परिवारों की तरह एकल परिवार की भी कुछ समस्याए है। अक्सर कई नवविवाहित पति-पत्नी शादी के तुरंत बाद ही संयुक्त परिवार से अलग हो जाते है। जिसकी वजह से उनको जीवन में सही सलाह देने के लिये कोई अनुभवी व्यक्ति का सहारा नहीं होता। इससे परिवार में लड़ाई-झगड़े होने की संभावना अधिक रहती है।

यदि बच्चे के माता-पिता दोनों ही काम-काजी व्यक्ति हो तो उनकी अच्छे से देखभाल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे परिवारों में मिल-जुल कर एक-दूसरे के सहयोग से काम करना भी मुश्किल होता है, क्योकि उनके जीवन में भाग-दौड़  ज्यादा होती है। लेकिन फिर भी आज एकल परिवारों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। और आज तो एकल परिवार का आकार भी छोटा होने लगा है। पति-पत्नी अपने-अपने काम के सिलसिले से अलग-अलग निवास करते है और बच्चो को हॉस्टल में भेजा जाता है। इस तरह एकल परिवार की भी बहोत समस्याए है। 

लेकिन अगर एक व्यक्ति का व्यवहार और उसकी निष्ठा सही है तो उसके लिए संयुकत और एकल दोनों परिवार अच्छे है।  

 

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मनुष्य के जीवन मे परिवार का महत्व

किसी भी मनुष्य के जीवन में परिवार का काफी महत्व है, फिर वो संयुक्त हो या एकल। परिवार के बीच बच्चो को स्नेह दिया जाता है और उनके साथ अच्छे से व्यवहार किया जाता है। बिना परिवार के एक व्यक्ति अपराधी भी बन सकता है। इसके अलावा अगर बच्चो का पारिवारिक जीवन ठीक ना हो, तो भी एक बच्चा अपराधी बन सकता है। विश्व में हो रहे अपराधों मे यह पाया गया कि ज्यादातर अपराधी ऐसे है जिनका पारिवारिक जीवन ठीक नहीं है।

अक्सर देखा गया कि बचपन में उनके साथ परिवार द्वारा सही व्यवहार नहीं किया गया था। जिसकी वजह से उनका बौद्धिक और मानसिक विकास सही से नहीं हो पाया। बचपन में परिवार द्वारा दी गई यातनाए ही उन्हे अपराधी बनाती है। इसलिए एक अच्छा परिवार होना भी बहुत जरूरी है। क्योकि एक बेहतर परिवार आपको प्रेम, संस्कार और अनुशासन सिखाता है। परिवार हमें छोटों से प्यार और बड़ों का सम्मान करना सिखाता है। परिवार मनुष्य को जीवन जीने का तरीका सिखाता है। किसी भी देश के विकास के लिए परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए तो परिवार को देश के विकास की सीढ़ीयां कहते है।

 

निष्कर्ष

एक मनुष्य की शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आर्थिक विकास के लिए एक परिवार ही ज़िम्मेदार है। क्योकि एक बच्चे को बचपन से ही अपने परिवार के साथ रहना है। अगर एक परिवार का वातावरण सही है तो उसमें पलने वाले बच्चे का भविष्य उज्ज्वल है। लेकिन अगर परिवार में रहे लोगो का व्यवहार और वातावरण ठीक नहीं है तो ऐसे बच्चे बड़े होकर अपराधी ही बनने वाले है। अब यह हमारे हाथो में है कि हमें परिवार में अच्छा व्यवहार और वातावरण बनाके हमारे बच्चो का भविष्य उज्ज्वल करना है या उन्हे अपराधी बनाना है।  (My Family Essay in Hindi)


FAQ

Q : परिवार की जिम्मेदारी क्या है?

ANS : एक बच्चे का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास करना एक परिवार ज़िम्मेदार है।

Q : परिवार के प्रकार कितने प्रकार है ?

ANS : 2 प्रकार है, संयुक्त परिवार और एकल परिवार

Q : परिवार की आवश्यकता क्यों है ?

ANS : जिस तरह मनुष्य का पहला शिक्षक उसके माता-पिता है, इसी तरह मनुष्य की पहली पाठशाला उसका परिवार है। इसके अलावा परिवार हमें अंदर से मजबूत बनाता है और बाहरी बुराईयों और खतरों से बचाता है।


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