(2022) स्वच्छता पर निबंध- Essay on Swachata in Hindi

मनुष्य जीवन में स्वच्छता एक आवश्यक गुण है। हर इंसान को अपने आस-पास स्वच्छता रखनी ही चाहिए। क्योकि स्वच्छता मनुष्य को बिमारियों से दूर रखती है। और जब एक मनुष्य बिमारियों से दूर रहता है, तो उसका शारीरिक और मानसिक विकास बहुत अच्छा होता है। स्वच्छ वातावरण में रहने वाले लोगो का मन शांत होता है। ऐसे लोग समाज और देश को एक बेहतर सोच प्रदान करते है। इसलिए हमेशा अपने आस-पास स्वच्छता रखने की पूरी कोशिश करे।

 

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स्वच्छता का अर्थ 

स्वच्छता यानि सफाई। स्वच्छता को साधारण भाषा में समझें तो मनुष्य का तन, मन और अपने आस-पास की सभी चीज़ों को स्वच्छ रखना। गांधी जी ने स्वच्छता के लिए बहुत खूबसूरत वाक्य कहा था कि, स्वच्छता ही सेवा है। अगर आप अपने देश की सेवा करना चाहते है, तो अपने देश को स्वच्छ रखना शुरू करें।

इसमें खासकर हमारे देश के लिए तो स्वच्छता बहुत जरूरी है, क्योकि हमारे देश में जनसंख्या और गंदगी बहुत ज्यादा है। इसकी वजह से बीमारियाँ भी हमारे देश में अधिक है। देश में फैली गंदगी को अगर समय रहते साफ नहीं किया गया तो बहुत ही खतरनाक रोग उत्पन्न होने का डर है। इससे ना सिर्फ लोग बीमार होंगे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी गंभीर रूप से प्रभावित होगी। इसलिए हमें स्वच्छता पर ध्यान देना जरूरी है।

 

स्वच्छता की आवश्यकता 

एक मनुष्य के जीवन में जिस तरह अन्न, जल, वायु, घर और कपड़े आवश्यक है, उसी तरह स्वच्छता भी आवश्यक है। क्योकि अगर आप आपने आस-पास स्वच्छता नहीं रखेंगे तो मलेरिया, हैजा, पीलिया जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारियां जन्म लेगी। जिससे ना सिर्फ आपको बल्कि आपके आने बच्चों को भी खतरा है। लेकिन अगर आप अपने आस-पास स्वच्छता रखेंगे तो ऐसी जानलेवा बीमारियां आपसे कोसों दूर होंगी। इसीलिए स्वच्छता हमारे लिए आवश्यक है।

स्वच्छता मनुष्य को शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखती है। इसके अलावा जब आपके आस-पास गंदगी ज्यादा होती है, तब मच्छर, कीड़े-मकौड़े, चूहे, सांप, बिच्छू, कॉकरोच, मक्खी और कई प्रकार के किटाणु आपके आस-पास पनपते है। जिससे न सिर्फ बीमारी फैलने का डर रहता है, बल्के सांप और बिच्छू जैसे जहरीले जानवरों के डसने से किसी की मौत भी हो सकती है। इस वजह से भी स्वच्छता रखना बेहद जरूरी है।

Essay on Swachata in Hindi

ऐसा कहा जाता है कि, साफ-सुथरा रहना और अपने आस-पास सफाई रखना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है। स्वच्छ मनुष्य का मन हमेशा प्रसन्न रहता है। परंतु गंदगी से मनुष्य तनाव और टेंसन मे रहता है। इसलिए साफ-सफाई करना जरूरी है। और ऐसी कई आवश्यकताए है, जिससे हमारे आस-पास सफाई रखना जरूरी है।

 

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स्वच्छता का महत्व

भारतीय संस्कृति में कई सदियों से यह मान्यता है कि जहां स्वच्छता होती है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। इसके अलावा हमारे धर्मग्रन्थों में भी स्वच्छता के बारे में निर्देश दिए गए है। गांधीजी ने स्वच्छता के बारे में कहा था कि, भक्ति के बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज स्वच्छता है। क्योंकि स्वच्छता जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करती है। स्वच्छता से हम जानलेवा बीमारियों से बच सकते है।

शारीरिक स्वच्छता के साथ-साथ हमें वैचारिक स्वच्छता भी जरूरी है, क्योकि वैचारिक स्वच्छता मानवी को एक अच्छा इंसान बनाती है। ऐसे लोग सिर्फ अपने बारे में ही नहीं बल्कि दूसरों का भी भला सोचते है। और जब पूरा भारत ऐसी सोच रखेगा तब देश को स्वच्छ होने में देर नहीं लगेगी। इसलिए कभी भी स्वच्छता से समझौता नहीं करना चाहिए। साफ-सफाई हम इंसानों के लिए उतनी ही जरूरी है जितना कि खाना और पानी।

आपने देखा होगा कि एक स्वच्छ व्यक्ति के चेहरे पर चमक होती है। उसको सभी लोग सम्मान की दृष्टि से देखते है। लेकिन जो व्यक्ति अस्वच्छ और गंदा रेहता है, उसके पास कोई भी नहीं बैठता। कोई भी इंसान ऐसे लोगो का आदर-सम्मान नहीं करता। इसलिए हमेशा स्वच्छ रहे और अपने आस-पास भी स्वच्छता रखने की पूरी कोशिश करे।

 

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अस्वच्छता की वजह से होने वाली हानियाँ

स्वच्छता के जीतने फायदे है, उतनी ही अस्वच्छता की हानियाँ है। कई लोग कूड़े-कचरे को नदी-नालों में फेंक कर प्रकृति को प्रदूषित करते है। जिससे वहां पर कई चीजें सड़ जाती है और दुर्गंध पैदा होती है। कई बार दुर्गंध इतनी बढ़ जाती है कि वहां से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे स्थानों के आस-पास की धरती, जल, और वायु भी प्रदूषित हो जाता है। और इसी समय खतरनाक बीमारियों पैदा होती है। लोग इन बीमारियों से बीमार हो जाते है, जिससे उनके जीवन में सुख-शांति नहीं रहती है। किसी ने क्या खूब लिखा है कि सभी रोगों की सिर्फ एक ही दवाई हर घर में रखो साफ-सफाई।

इसके अलावा फ़ैक्टरि और कारखानो से निकलने वाला रसायनिक और भौतिक कचरा जब नदी-नालों में डाला जाता है तब मलेरिया, हैजा और डायरिया जैसी कई गंभीर बीमारिया उत्पन्न होने का डर रहता है। अस्वच्छता देश के विकास में भी बाधक है। क्योकि जब बड़े पैमाने पर बीमारिया फैलेगी तब देश के अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।

एक अनुमान से पता चला है कि भारत में सिर्फ शहर के लोग ही हर वर्ष 62 मिलियन टन कचरा उत्पन्न करते है। परंतु उसमें से केवल 43 मिलियन टन कचरा ही एकत्र किया जाता है।

और हेरानी की बात तो यह है कि इस 43 मिलियन टन से मात्र 12 मिलियन टन कचरा ही निपटान किया जाता है। जबकी 31 मिलियन टन कचरे को नगरपालिका द्वारा लैंडफिल साइटों में जलाया जाता है। लेकिन बाकी का 19 मिलियन टन कचरे को इधर-उधर फैक दिया जाता है। लेकिन क्यों उन्हे प्रदूषण फैलाने के लिए युही छोड़ दिया जाता है? यह सवाल हमें सरकार से पूछने की जरूरत है।  

 

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स्वच्छता के उपाय

  • दुनिया में हर चीज़ के उपाय है। हमें सिर्फ उन उपायों को दैनिक जीवन में लाने की जरूरत है। स्वच्छता के भी कई उपाय है। हम सभी उपायो को बारी-बारी जानते है।  
  • स्वच्छता के लिए हमें सबसे पहले साफ-सफाई को महत्व देना शुरू करना होगा।
  • अपने घर के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्रों की भी साफ-सफाई करनी होगी। जिससे कई रोगों के कीटाणु नष्ट हो जाएंगे। जब कीटाणु नहीं होंगे तो बीमारी उत्पन्न होने का कोई डर नहीं होगा।
  • वेश-भूषा और खान-पान की चीज़ों से स्वच्छता का सीधा सबंध है। इसलिए हमें खाने-पीने की चीज़ों पर विशेष ध्यान देना होगा। अगर बाज़ार से हम खाने की कोई भी चीज़ लाये तो उसे साफ करके ही खाएं।
  • घर में पीने के पानी को हमेशा ढक कर साफ बर्तन में रखें, ताकि गंदे कीटाणु हमारे पीने के पानी से दूर रहें।
  • हमें अपने शरीर की स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए हमें हररोज नहाना चाहिए, समय समय पर नाखून काटने चाहिए और शरीर की गंदगी को दूर करनी चाहिए। स्नान करने से शरीर के गुप्त अंगों पर छिपे कीटाणु नष्ट हो जाते है।
  • हमें इन सभी उपायों को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए। क्योकि जब तक सामान्य लोग इन चीज़ों को नहीं समझेंगे तब तक देश स्वच्छ नहीं होगा।
  • इसके लिए हमें ज्यादा से ज्यादा लोगो को स्वच्छता के बारे में जागरूक करना होगा। उन्हें स्वच्छता के फायदे और अस्वच्छता के नुकसान के बारे में बताना होगा। स्वच्छता रखना सिर्फ सरकार का काम नहीं है, इसमें हम सभी नागरिकों को आगे आकर सरकार का साथ देना होगा। तभी हम देश को स्वच्छ कर सकेंगे और उसे विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को पूरा कर सकेंगे।

 

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स्वच्छता के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं

आपको लगता होगा कि भारत में हर जगह कूड़ा-कचरा फैला हुआ है, इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। सरकार स्वच्छता के लिए कोई काम नहीं कर रही है। लेकिन आप गलत है, क्योकि सरकार ने भारत को स्वच्छ करने के लिए कई योजनाएं बनाई है।

जिसमें सबसे पहली योजना है, प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान। इसे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर लागू किया था। इसे नई दिल्ली के राजघाट जगह से शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य भारत के हर गांव और शहरो की सफाई करके उनको स्वच्छ करना था।

इस अभियान के अलावा प्रधानमंत्री शौचालय योजना भी बनाई गयी थी। इसे बनाने का मुख्य उदेश्य भारत के हर ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालाय बनाना था। इस योजना के तहत भारत सरकार द्वारा शौचालय निर्माण के लिए 12000 रुपयो की धनराशि दी जाती थी।

भारत सरकार द्वारा स्वच्छता के दो बड़े पहलु, प्लास्टिक बंद करने और वृक्षारोपण को लेकर भी कई योजनाएं बनाई थी। लेकिन ये सभी योजनाएँ और कार्य आज तक सफल ना होने की मुख्य वजह हम खुद है। क्योंकि जब तक सरकार को सामान्य नागरिकों का सहयोग नहीं मिलेगा तब तक ऐसी हजारों योजनाएं भी फेल हो जाएंगी। इसलिए आज से ही सरकार का साथ देकर इन योजनाओ को सफल बनाने की हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए।

 

निष्कर्ष

इतना सब कुछ जानने के बाद शायद अब आप लोगों को पता चल गया होगा कि हमारे जैसे विकासशील देशों के लिए स्वच्छता कितनी जरूरी है? लेकिन फिर भी आज के आधुनिक दौर में हम सभी ने स्वच्छता को एक किनारे पर रख दिया है। मानो जैसे हमे स्वच्छता की कोई जरूरत ही नहीं है। जबकि स्वच्छता तो हर मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। अगर समय रहते हमने स्वच्छता को नहीं अपनाया, तो हमारी आने वाली पीढ़ियो के लिए हम एक खतरा पैदा कर रहे है ।


अगर आपको इस निबंध से लाभ हुआ हो, तो इसे share करना ना भूले। स्वच्छता पर निबंध पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद (Essay on Swachata in Hindi)

FAQ

Q- साफ सफाई क्यों जरूरी है?

ANS- एक मनुष्य के जीवन में जिस तरह अन्न, जल, वायु, घर और कपड़े आवश्यक है, उसी तरह स्वच्छता भी आवश्यक है। क्योकि अगर आप आपने आस-पास स्वच्छता नहीं रखेंगे तो मलेरिया, हैजा, पीलिया जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारियां जन्म लेगी। जिससे ना सिर्फ आपको बल्कि आपके आने बच्चों को भी खतरा है।

Q- स्वच्छता का क्या महत्व है?

ANS- आपने देखा होगा कि एक स्वच्छ व्यक्ति के चेहरे पर चमक होती है। उसको सभी लोग सम्मान की दृष्टि से देखते है। लेकिन जो व्यक्ति अस्वच्छ और गंदा रेहता है, उसके पास कोई भी नहीं बैठता। कोई भी इंसान ऐसे लोगो का आदर-सम्मान नहीं करता। इसलिए हमेशा स्वच्छ रहे और अपने आस-पास भी स्वच्छता रखने की पूरी कोशिश करे।

Q- किसी सार्वजनिक जगह की साफ सफाई और सुंदरता की जिम्मेदारी किसकी होती है?

ANS- सरकार के साथ-साथ देश के नागरिकों की भी जिम्मेदारी होती है।


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2 thoughts on “(2022) स्वच्छता पर निबंध- Essay on Swachata in Hindi”

  1. बहुत ही अच्छा निबंध है स्वच्छता के ऊपर यह हेल्थ से संबंधित है।

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