(2022) योग का महत्व पर निबंध- Essay on Importance of Yoga in Hindi

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योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के यूज शब्द से हुई है, जिसका अर्थ होता है जुड़ना या एकजुट होना। योग में अलग-अलग आसन होते है, जिसे अगर हम नियमित रूप से करे तो जीवन मे बहुत लाभ होता है। योग हमारे मन, शरीर और आत्मा को नियंत्रित करने में बहुत मदद करता है। इसके अलावा हमारी शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी योग उपयोगी है। इसीलिए हमें नियमित रूप से योग करना चाहिए। 

 

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योग का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि, योग का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उस वक्त हिमालय के एक झील पर आदियोगी ने अपने योग विज्ञान को सात ऋषियों को दिया था। इन ऋषियों ने ही योग विज्ञान को विश्व के विभिन्न भागो में फैलाया है। इसके अलावा सरस्वती और सिंधु सभ्यता के प्राचीन अवशेषो में भी योग की मौजूदगी का प्रमाण है। इन सभ्यताओ के अध्ययन करने से पता चला कि, वहा एक गुरु के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन के तहत लोगो को योग का अभ्यास दिया जाता था। इसी तरह योग का जन्म हुआ था।

उसके बाद महर्षि पतंजलि  ने योग का आत्मसात किया और इसके सभी पहलुओं को एक निश्चित रूप में शामिल किया, जिसे आज हम योग सूत्र कहते है। इसी समय दुनिया के ज्यादातर लोगो तक योग का ज्ञान पहुंचा था। इसलिए महर्षि पतंजलि को आधुनिक योग का पिता कहा जाता है।

 

योग का महत्व

कुछ सालो पहले सिर्फ आयुर्वेदिक रूप से ही योग को महत्त्व दिया जाता था। लेकिन वर्तमान में वैज्ञानिक रूप से भी योग को महत्त्व दिया जाता है। आज तो डाक्टर भी अपने मरीज़ो को योग करने के लिए प्रोत्साहित करते है। क्योकि इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है और शरीर रोगमुक्त बनता है। इसलिए योग को मनुष्य का शारारिक और मानसिक उपचार कहा जाता है।

अगर हम नियमित रूप से योग का अभ्यास करे तो जीवन में नकारात्मक विचारों से छुटकारा पा सकते है। इसके अलावा योग करने से मनुष्य की रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है, जिससे हमारी शारीरिक स्थिति हमेशा स्वस्थ रहती है। योग हमारे अंदर ध्यान और एकाग्रता को बढाता है। योग मनुष्य के शरीर को अनुशासन में लाकर तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है।

योग के ऐसे असंख्य लाभों की वजह से ही वर्तमान में योग की लोकप्रियता बहुत अधिक है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में करीब 2 अरब से भी ज्यादा लोग हररोज योगाभ्यास करते है।

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लेकिन योग से दुनिया के हर व्यक्ति को लाभ होना चाहिए, एसा भारत का लक्ष्य है। इसीलिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 21 जून 2015 के दिवस को अंतराष्ट्रीय योग दिवस  के रुप में मनाने की घोषणा की थी। जिसमें पहली बार लगभग विश्व के 192 देशों ने विश्व योग दिवस मनाया था। इसी दिन भारत की राजधानी दिल्ली में करीब 35985 लोगों ने एक साथ योग किया, जिसमे 84 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। 

 

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योग के मुख्य प्रकार 

योग के मुख्य चार प्रकार है, राज योग, कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग । हम इन सभी को बारी-बारी जानेंगे।

  • राज योग

योग के इन चार प्रकारो में राज योग सबसे लोकप्रिय है। इस योग का मुख्य उद्देश्य मन को नियंत्रित करना है। इसमें सूर्य नमस्कार और पदमासन जैसे आसन शामिल है। इन आसनो को करने से शरीर में फूर्ती रहती है। इस योग का वर्णन महर्षि पतंजलि द्वारा रचित अष्टांग योग में मिलता है। इसीलिए राज योग को अष्टांग योग भी कहते है।

  • कर्म योग

कर्म का अर्थ है काम। जब कोई मनुष्य काम करता है, तब उसका दिमाग और मांशपेशियां दोनों ही कार्यरत होते है। जिसके कारण उसे मोटापे जैसी बिमारीया होने का खतरा नही रहता।

इसके अलावा कर्म योग हमें बिना फल की इच्छा रखे निस्वार्थ भाव और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करना सिखाता है। दुनिया के सभी व्यक्तियो का जीवन उसके कर्म चक्र द्वारा ही नियंत्रित होता है। जैसे की अगर किसी मनुष्य के विचार और कार्य अच्छे है, तो ऐसा मनुष्य दुनिया में एक खुशहाल जीवन जीएगा। लेकिन अगर किसी मनुष्य के विचार और कार्य बुरे है, तो एसा मनुष्य दुनिया में बहुत दुखी जीवन जीएगा। इसीलिए कर्म योग को हमें अपने जीवन में अपनाना जरूरी है। 

  • भक्ति योग

योग का तीसरा मुख्य प्रकार है, भक्ति योग। यह सबसे आसान योग है, क्योकि इस योग में हमें सिर्फ शांति से बैठकर ध्यान लगाना होता है। भगवान के नाम का जाप करना, उनकी प्रशंसा में भजन गाना और उन्हे पूजना यह सब भक्ति योग में शामिल है। इसी वजह से इसे आध्यात्मिक योग भी कहा जाता है। इस योग से हमारे जीवन का सारा तनाव खत्म हो जाता है। इसके साथ-साथ मनुष्य के मन और हृदय का शुद्धिकरण भी होता है।

  • कुंडलिनी योग

जब कोई व्यक्ति उठते, बैठते, चलते, सोते हर वख्त सिर्फ ब्रह्म का ही ध्यान करे, उसे कुंडलिनी योग कहा जाता है। एसा व्यक्ति सिर्फ ब्रह्मा के ध्यान में ही लिन होता है ।

अगर हम इन चारों योग को अपने जीवन में अपना लें तो शायद हम इस दुनिया में कभी भी शारीरिक और मानसिक रूप से दुखी नहीं होंगे। तो क्या अब आप योग को अपने जीवन में अपनाएँगे?

 

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योग के मुख्य आसन

भारत के योग गुरु यानि बाबा रामदेव के अनुसार योग के कुल 84 आसन है।

जिसमें मुख्य तौर पर मयूरासन, शीर्षासन, भुजंगासन, ताड़ासन, बज्रासन, धनुरासन, सिंहासन, गरूड़ासन, पद्मासन, गोमुखासन, हलासन, मत्स्यासन आदि सबसे ज्यादा आसन किए जाते है। इन सभी आसनो का अपना अलग-अलग महत्व है। परंतु इन सभी आसनो का लक्ष्य हमेशा एक ही होता है, मनुष्य को लाभ पहोचाना। हमारे प्रत्येक अंग को स्वस्थ रखने के लिए इन आसनों का उपयोग करना बहुत जरूरी है।

 

योग के लाभ

  • दुनिया में बसी हर चीज़ के दो पहलू होते है। जिसमें एक होता है लाभ और दूसरा है हानी। योग के भी लाभ और हानी है। लेकिन योग में जब तक हम खुद कुछ गलत काम न करदे तब तक योग से कोई नुकसान नहीं होता। इसके अलावा योग के फायदे-ही-फायदे है।
  • जैसे अगर हम नियमित रूप से योग का अभ्यास करे तो हमारे शरीर की हड्डियां मजबूत और स्वस्थ रहती है। उसके साथ-साथ हमारी मांसपेशियों में भी लचीलापन आता है।
  • योगा करने से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।  
  • नियमित योग करने से हमारी शारीरिक थकान और कमजोरी दूर होती है। योग हमारी आलस को दुर भगाकर शरीर में तंदुरुस्ती भर देता है।
  • योग से हमारा मन स्फूर्ति में रहता है, जिसके कारण हमें कभी तनाव महसूस नहीं होता। इसके साथ-साथ मनुष्य के आंतरिक अंग भी योग करने से स्वस्थ रहते है।
  • योग करने से हमें नींद बहुत अच्छी आती है। इसीलिए तो नींद की समस्या से जुड़े लोगो को डॉक्टर योग करने की सलाह देते है।
  • ह्रदय संबधी बीमारिया, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में और कब्ज या पाचन की समस्या को दूर करने के लिए भी योग लाभदायक है।
  • अस्थमा और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारिया भी योग करने से ठीक होती है।
  • अगर किसी को भूलने की बीमारी हो तो उसके लिए योग सबसे बेहतर है। क्योकि योग करने से हमारी बुद्धि का विकास होता है, जिससे याददाश्त तेज हो जाती है।
  • इसके अलावा कई लोग अपना वजन कम करने के लिए दवाए खाते है। लेकिन अगर वो नियमित योग करना शुरू करदे तो उनका मोटापा कम हो सकता है। इसके लिए योग गुरु कपालभाति प्राणायाम आसन करने की सलाह देते है।
  • शीर्षासन आसन करने से हमारे रक्त का प्रवाह पूरे शरीर में होता है। जिससे हमारी त्वचा में निखार आता है। शीर्षासन करने से बाल गिरने की समस्या भी दूर होती है। इसके अलावा भी योग के कई लाभ है।

 

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योग करने का सही तरीका और नियम

  • योग करने के कई तरीके होते है। जिसमें सबसे पहला यह है कि, योग के लिए आस-पास का वातावरण शांत होना चाहिए। क्योकि तभी हम पूरा ध्यान योग पर लगा सकेंगे। इसीलिए हमें सूर्योदय और सूर्यास्त के समय योग करना चाहिए।
  • जमीन पर बैठकर कभी योगा नहीं करना चाहिए, इसलिए हमेशा योग करने की जगह पर चटाई या कालीन का उपयोग करे।
  • स्नान करने के बाद और खाली पेट ही योग करना चाहिये और योग करने के 30 मिनट तक हमें कुछ भी नहीं खाना चाहिये।
  • योग करते समय अगर सूती (कॉटन) के कपड़े पहने तो शरीर के लिए बहोत अच्छा रहता है।
  • इसके अलावा अगर आपको योग सीखना है तो हमेशा प्रशिक्षित गुरु से ही योग सीखना चाहिये।
  • योगासन करने से पहले हल्की कसरत या व्यायाम कर लेना चाहिए, जिससे हमारा शरीर योगा करने के लिए तैयार हो जाए।
  • इसके साथ-साथ हमें यह भी ख्याल रखना चाहिए कि, हमेशा सरल योग से ही योग करने की शुरुआत करे।
  • योग करते समय कई लोग अपने शरीर के साथ जबरदस्ती करते है। वो उनकी क्षमता से अधिक अपने शरीर के अंगो को मोड़ ने की कोशिश करते है। लेकिन यह गलती हमें कभी नहीं करनी चाहिए, क्योकि इससे हमें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। 
  • शरीर के किसी अंग में अगर दर्द की शिकायत हो, तो योग ना करे । इससे भी आपके शरीर को हानी हो सकती है।
  • जब आप योग सीख रहे हो तो इस बात को जरूर याद रखे कि, योग का लाभ धीरे-धीरे होता है। इसीलिए जल्दी परिणाम की इच्छा ना रखकर धीरज के साथ योग करे। क्योकि इसका फल आपको देर मिलता है पर काफी फायदेमंद होता है।

 

निष्कर्ष

वर्तमान में कई असमज लोग योग को एक धर्म मानने लगे है। लेकिन ऐसे लोगों को कौन समझाए कि, योग कोई धर्म नहीं बल्कि जीने की एक कला है। योग एक ऐसा अभ्यास है, जिसे सीखने के बाद हमारा जीवन सफलताओ की राह पर चलेगा। क्योकि योग हमारे जीवन के एक-एक पल को मार्गदर्शन करता है। इतना सब कुछ जानने के बाद शायद अब आप लोगो को पता चल गया होगा कि, आखिर योग हम मनुष्यो के लिए कितना लाभदायक है?

अगर आपको इस निबंध से कुछ भी लाभ हुआ हो, तो इसे share करना ना भूले। योग का महत्व पर निबंध पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद (Essay on Importance of Yoga in Hindi)

 

FAQ

Q : योग का अर्थ क्या होता है ?

ANS : जुड़ना या एकजुट होना।

Q : आधुनिक योग के पिता के नाम से कौन जाना जाता है ?

ANS : महर्षि पतंजलि

Q : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है ?

ANS : 21 जून

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