(2022) तोते पर निबंध- Parrot Essay in Hindi

न जाने कितने जीव-जंतु और पशु-पक्षी इस पृथ्वी पर निवास करते है। यदि आप उनकी गणना करना चाहे तो सटीक आंकड़े प्राप्त करना बहुत मुश्किल है। इसके साथ-साथ ये सभी अपने विशिष्ट और अनोखे गुणों के कारण एक अलग पहचान बनाए हुए है। इन अनगिनत पशु-पक्षी और जीव-जंतु में से एक तोता भी है। आज इस निबंध में हम तोते के कुछ रोचक तथ्यो को जानने वाले है, जिसे जानकार आप चोंक जाएंगे। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढे।

 

Table of Contents

तोते का इतिहास

हमारे कई पूर्वजो से ये बात जानने मिली है कि मनुष्य द्वारा पाला जाने वाला सबसे पहला जीव तोता था। इसके अलावा कई सालो पहले पश्चिमी अमेरिका के व्योमिंग में लांस क्रीक के भंडार में एक चोंच पायी गई थी। वैज्ञानिकों को इस चोंच का परीक्षण करते समय पता चला कि यह एक तोते की चोंच है। अगर इस चोंच का अनुमान सही है तो उस दिन से लेकर आज तक तोते की प्रजाति को लगभग 65 मिलियन वर्ष हो चुके है।

इसके अलावा ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस में भी पाई जाने वाली तोते कि हड्डियां लगभग 50-60 मिलियन वर्ष पुरानी है। यहि प्राचीन चीज़ों से पता चलता है कि तोता मनुष्य के बीच कितने सालो से रहता है। लेकिन वर्तमान समय में तोते का मुख्य निवास  स्थान आस्ट्रेलियाऔर न्यूज़ीलैंड है। क्योंकि दुनिया में तोते की सबसे ज्यादा प्रजातियां इसी देश में पाई जाती है। इन दोनों देशो के रंगीन तोते को पकड़कर ऐसे देशो में भेजा जाते है, जहां तोते की कमी है। अगर भारत की बात करे तो तोते पूरे भारत में हर जगह पाये जाते है। फिर वह हिमालय के बर्फीले पहाड़ हो या राजस्थान के गरमीले रण।

 

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तोते के प्रकार

जिस तरह मनुष्य के कुल और समाज होते है, वैसे ही पक्षियों के अंदर भी उनके कुल और समाज होते है। जिसमें तोता एक सिटैसीफ़ॉर्मीस नामक गण के सिटैसिडी कुल का पक्षी है। अब तक दुनिया भर में तोते की 350 से भी अधिक प्रजातियों की खोज की जा चुकी है। इतनी ज्यादा प्रजातियां होने की वजह से तोता एकमात्र ऐसा पक्षी हे जिसकी इतनी अधिक प्रजातियां है।

तोते की महत्व की प्रजातियों की बात करें तो मैकॉ, बजरिका, रोजेला, ककटीला, काकातुआ और भारत में परबट्टा, टुइया, मदनगोर जैसे नाम शामील है। इन सब तोते में हरा तोता सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। दुनिया में सबसे ज्यादा तोते की संख्या इसी प्रजाति की है। इस तोते कि प्रजाति अफ्रीका के गाम्बिया शहर से लेकर लाल सागर होता हुआ भारत, बर्मा और तेनासारिम हिल तक फैली हुई है। इसकी लंबाई 10 से 12 इंच होती है और गले में एक लाल रंग का कंठा भी होता है।

दुनिया का सबसे बड़ा तोता न्यूजीलैंड में पाया जाता है जिसका नाम काकापो है। लेकिन उसके बड़े होने की वजह से ही दिन-ब-दिन उसका विनाश होता जा रहा है। क्योकि काकापो अपने ज्यादा वजन के कारण उड़ नहीं सकता और जंगली बिल्लियां आसानी से इसका शिकार कर लेती है। इसलिए न्यूजीलैंड देश पर काकापो तोते का अस्तित्व खतरे में मंडरा रहा है।

दुनिया का सबसे छोटा तोता न्यू पापिया के जंगलो में पाया जाने वाला पैगी तोता है। एक वयस्क मनुष्य की उंगली के समान इस तोते का कद होता है। जबकि दुनिया के सभी पक्षीयो में से सबसे पढ़ा-लिखा पक्षी भी एक तोता है। उसका नाम पक है और इस तोते को 1728 शब्द याद है। इस तोते ने 1995 में ये रेकॉर्ड बनाया था और गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड किताब में अपना स्थान बनाया था।

एलेक्स नामक एक अफ्रीकी तोता 100 से अधिक शब्द बोलने में सक्षम था और उन शब्दों को समझने में भी सक्षम था। तोता अक्सर गर्म स्थानों पर रहना ज्यादा पसंद करता है, लेकिन किया तोता दुनिया का एकमात्र ऐसा तोता है जो ठंडे वातावरण और पर्वतीय क्षेत्रो में रहता है। दुनिया का सबसे रहस्यमई पक्षी भी एक तोता है। ऑस्ट्रेलियन नाईट पैरेट नाम के तोते को दुनिया के सबसे रहस्यमय पक्षी कहा जाता है, क्योकि अब तक सिर्फ 4-5 लोगों ने ही इस तोते को देखा है।

 

भारतीय तोते के नाम

तोते को इंग्लिश भाषा में Parrot, हिंदी भाषा में तोता, सुग्गा और वैज्ञानिक भाषा में सिटासिफोर्मेस कहा जाता है। आमतौर पर लोग तोते को मिट्ठू, शुक या कीर के नाम से भी पुकारते है। भारत में तोते का सबसे बहुप्रचलित नाम पोपट है। लेकिन हिन्दी भाषा के प्राचीन से लेकर अर्वाचीन साहित्यिक ग्रंथो में पोपट शब्द का कोई उल्लेख नहीं है। पोपट शब्द गुजराती, राजेस्थानी और मराठी भाषा के लोगो में प्रचलित था। और वहीं से उसके पोपट नाम की शुरुआत हुई। इस तरह भारत में तोते के कई समानार्थी (पर्यायवाची) शब्द मौजूद है।

 

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तोते को बेवफा क्यो कहा जाता है

वैज्ञानिकों के अनुसार तोते का दिमाग 5 साल के बच्चे जैसा होता है। इसलिए तोता कितना भी पालतू क्यों न हो, लेकिन जब वह एक बार अपने पिंजरे से निकल कर उड़ जाए तो फिर कभी वह अपने मालिक की तरफ नहीं देखता। इसी कारण कई लोग इसे बेवफा कहते है।

 

तोते की शारीरिक संरचना

भारत के तोते का रंग हरा होता है। इसकी चोंच मुड़ी हुई और लाल रंग की होती है। इन तोते के गले पर लाल रंग का चक्र होता है। इस तोते को कंठी वाला तोता भी कहते है। अन्य देशों में तोते सफेद, नीले, लाल, पीले और सतरंगी रंगों में पाए जाता है। इनकी लंबाई भी 10 से 12 इंच तक होती है। इन तोते की आंखे काली और चमकदार होती है।

तोते के पैर जिगोलोक्टाइल के होते है। उनके पास दो आगे और दो पीछे इस तरह चार पैर होते है। तोते के पंजे छोटे और नुकीले होते है। ये इतने मजबूत होते हे कि तोता इससे लंबे समय तक पेड़ो की शाखाओं को जकड़कर लंबे समय तक उल्टा लटक सकता है। तोते के गले में मानव मुंह की तरह स्वाद ग्रंथि होती है। उसके गले के पीछे और कुछ मुंह के ऊपर लगभग 300 से भी अधिक स्वाद ग्रंथियां होती है। तोते के पंख में बैक्टीरिया और कीटाणुओं से लड़ने वाला एक रसायन होता है।

 

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तोते का भोजन

तोता एक शाकाहारी पक्षी है। वह अपने भोजन में सेब, पपीता, केले, अंगूर, अनार, आम, बीट, मशरूम, गाजर, टमाटर, काली मिर्च, पालक, गोभी, बीज, पत्तियां, दूध, कद्दू, दाना इत्यादि खाते है। इसके अलावा हम तोते को दूधभात या दूधरोटी भी खिला सकते है। लेकिन तोते को फलो में सबसे ज्यादा आम और अमरूद पसंद है। 

 

तोते के प्रजनन का तरीका

तोते को एकपत्नीत्व पक्षी भी कहा जाता है, क्योकि नर तोता एक ही मादा तोते के साथ रहता है। मादा तोता पेड़ के कोटर या तनों में सुराख करके 1 से 12 तक सफेद अंडे देती है। दुनिया में तोते कई रंग के होते है, लेकिन इन सभी तोते के अंडो का रंग सफ़ेद ही होता है। तोते अपने बच्चों के नाम भी रखते है और उम्र भर वो नाम नहीं भूलते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के तमाम पक्षियों में एक तोता ही ऐसा पक्षी है जिसे आप ब्लड टेस्ट के बिना पता नहीं लगा सकते कि वह नर है या मादा। क्योंकि वे दोनों एक जैसे दिखते है।

 

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तोते की उम्र

तोते का जीवनकाल हर प्रजाति में अलग-अलग होता है। जैसे कि छोटे तोते का जीवन आमतौर पर 15 से 20 साल, मध्यम आकार के तोते का जीवन 25 से 30 साल और बड़े तोते का जीवनकाल 60 से 100 साल तक होता है। लेकिन कई तोते 100 साल से भी ज्यादा उम्र तक पहोंच चुके है। हॉलीवुड की फिल्मों में काम कर चुके पोंचो तोते की उम्र 89 साल मानी जाती है। लेकिन इसके कुछ ठोस सबूत नहीं मिलते है। इसलिए सबसे ज्यादा उम्र तक जीने का रेकॉर्ड कुकी नाम के तोते के पास है। इस तोते की उम्र 81 साल थी।

 

तोता इंसानो की आवाज की नकल कैसे करता है

अगर तोते को इंसानों के बीच कुछ दिनों के लिए रखा जाए तो वह उनकी नकल करना सीख जाता है। जैसे भारत में अक्सर तोते को राम-राम, सीताराम जैसे शब्द बोलना सिखाया जाता है। जब कोई व्यक्ति घर में आए तब तोता उनका स्वागत राम-राम या सीताराम बोल कर करता है। यह हम सभी जानते है कि तोते हमेशा से इंसानी भाषा की नकल करते रहे है। लेकिन वैज्ञानिक हमेशा यह जानने के लिए उत्सुक रहे है कि वे ऐसा कैसे कर पाते है।

इसके लिए शोधकर्ताओं ने कौए और तोते पर एक अध्ययन करके इन दोनों की आवाज की तुलना मनुष्य के साथ की। इसमें कई तथ्य सामने आए। वैज्ञानिको के अनुसार मनुष्य, कौवे तथा तोते में कार्डिनल स्वरों का स्थान बिल्कुल अलग होता है। इसका सीधा सा मतलब है कि ये तीनों उच्चारण करने के लिए गले के विभिन्न ध्वन्यात्मक क्षेत्रों का उपयोग करते है। कार्डिनल स्वर स्थानों के बीच की दूरी मनुष्यों में अधिक पाई गई लेकिन तोते में सबसे कम पायी गई।

वैज्ञानिकों ने अपने इस अध्ययन में पाया कि पक्षियों की आवाज उत्पन्न करने वाले सभी अंग मनुष्य जैसे ही होते है, सिर्फ चोंच को छोड़कर। जैसे कि पक्षीयो को ध्वनि उत्पन्न करने में फेफड़े, श्वासनली, स्वर तंत्र, मुंह और चोंच मदद करते है। लेकिन सिर्फ तोते की जीभ की सतह का आकार मनुष्य जीभ की सतह का आकार जैसा होता है। इसलिए तोता विभिन्न प्रकार की आवाज़ पैदा करने के लिए मनुष्य की तरह अपनी जीभ में बदलाव कर सकता है। 

इसके साथ-साथ वैज्ञानिकों ने तोते के दिमाग पर अध्ययन करके एक खास तरह की संरचना का पता लगाया। वैज्ञानिकों के मुताबिक जीतने भी पक्षी बोल सकते है, उनके दिमाग में वोकल लर्निंग को नियंत्रित करने वाला एक केंद्र होता है, जिसे कोर कहा जाता है। इस कोर की वजह से ही तोता इंसानी भाषा की नकल कर पाता है।

 

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तोता पालने से पहले इन चीज़ों का जरूर ध्यान रखे

तोतों पर किए गए कई अध्ययनों में पाया गया कि तोते को कभी भी चॉकलेट नहीं देनी चाहिए। क्योंकि चॉकलेट तोते के लिए जहरीली होती है। इसके अलावा प्याज और सेब के बीज खाने से तोता बीमार हो सकता है या उनकी मौत भी हो सकती है। अगर आपने तोता पाला है तो यह बात जरूर याद रखें कि आप जिस घर में तोता रखते है उस घर में छाया क्षेत्र जरूर बनाएं। इसके साथ-साथ पिंजरे को आप कमरे की दीवार पर न लगाकर खिड़की के सामने सीधा रखे। ताकि बाहर से हवा भी आती रहे।

अगर आपको तोते की आंखें सुस्त दिखें या शरीर में ऊर्जा कम हो, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो, तो आपको समझना चाहिए कि तोता बीमार है। उसके बाद उन्हें तुरंत पक्षी दवाखाने में ले जाएं। कई शोधकर्ताओं ने बताया है कि तोते भी इंसानों की तरह मोटापे के शिकार होते है।

सूरज की पहली किरण के साथ ही मकाऊ प्रजाति के तोते चिल्लाना शुरू कर देते है। इसलिए अगर आप किसी तोते को पालतू बनाना चाहते है तो इस बात का ध्यान जरूर रखें। इसके अलावा तोते का स्वभाव ही एसा है कि वह खाता कम और नुकसान ज्यादा करता है। इसलिए इसे फलों के बगीचों और फ़सलों के आसपास नहीं रखना चाहिए। 

 

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तोते के बारे में रोचक जानकारी

  • पक्षियों में तोता ही एक मात्र ऐसा पक्षी है जो अपने पंजों से खाना पकड़कर और दबाकर खा सकता है।
  • दुनिया का सबसे बड़ी उम्रवाला तोता कुकी है और दुनिया का सबसे छोटी उम्रवाला तोता पेग्मी है।
  • दुनिया का सबसे ज्यादा वजन वाला तोता काकापो है और दुनिया का सबसे बड़ा तोता मैकॉ है। मैकॉ की लंबाई लगभग 40 से 45 इंच है।
  • चेरी ब्लू तोता सबसे ज्यादा शरारत और बात करने के लिए प्रसिद्ध है।
  • अमेज़ॅन नाम का तोता हाउ मच दैट डॉगी इन द विंडो के गीत पर टीवी दर्शकों का मनोरंजन किया था। इसलिए अमेज़ॅन तोते को प्रसिद्ध गायक भी कहा जाता है।
  • तोते की चोंच उसके जीवनकाल दरमियान लगातार बढ़ती ही रहती है।
  • जितनी तेजी से एक बाग दोडता है, उतनी ही तेजी से एक तोता उड़ सकता है।
  • बडी हेरानी की बात है कि एक तोता खाने की तलाश में हररोज 1000 km से भी ज्यादा उडता है।
  • तोते की आवाज़ इतनी कर्कश भरी होती है कि उसे 1 किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता है।
  • जिस तरह इंसान को अपने बाए-दाए पैर या हाथ ज्यादा पसंद होता है वैसे तोते को भी एक पैर की तुलना में दूसरा पैर ज्यादा पसंद होता है। 
  • तोते की एक खास बात यह है कि वह जुण्ड में रहना अधिक पसंद करते है।
  • तोते को सिखाए जाने पर वह मनुष्यों की बोली को हूबहू नकल कर लेता है। इसके लिये अफ्रीका का स्लेटी तोता सबसे प्रसिद्ध है।
  • पूरी दुनिया में तोते को एक समझदार पक्षी कहा जाता है। तोते को आप आसानी से पालतू बना सकते है।
  • अक्सर देखा गया है की तोता शिकारी से बचने के लिए अन्य जानवरों की आवाजे भी निकालता है। जैसे की अगर सांप तोते का शिकार करने आए तो वह बाज़ या चील की आवाज़ निकाल कर सांप को वहा से भगा देता है और अपना बचाव कर लेता है।

 

निष्कर्ष

वर्तमान समय में तोते को घर में रखना एक फैशन बन गया है। तोते की इतनी अधिक मांग के चलते शिकारी दिन-ब-दिन इनके पकड़ रहे है। इसी कारण तोता आज के दौर में एक अवैध व्यापार का कारण बन गया है। आज के दौर में तोते की हर प्रजाति पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। लेकिन हमें तोते को बचाने की कोशिश करनी होगी, क्योकि यह हमारी ज़िम्मेदारी है।

 

FAQ

Q- तोता क्या मांस खाता है?

ANS- आमतौर पर तोता एक शाकाहारी पक्षी है। वह अपने आहार में सेब, पपीता, केला, अंगूर, अनार, आम, मशरूम, गाजर, टमाटर आदि खाता है। लेकिन कुछ जंगली तोते मांस भी खाते है।

Q- तोते के बच्चे की आंख कितने दिन में खुलती है?

ANS- शुरुआती जीवन के पहले दो हफ्तो के बाद तोते के बच्चे की आँख खुलती है।

Q- तोता आवाज कैसे निकलता है?

ANS- तोते के दिमाग में वोकल लर्निंग को नियंत्रित करने वाला एक केंद्र होता है, जिसे कोर कहा जाता है। इस कोर की वजह से ही तोता मनुष्य की भाषा की नकल कर पाता है और आवाज़ निकलता है।


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